होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार द्वारा माइनिंग संबंधी कोई स्पष्ट पॉलिसी न बनाए जाने के कारण जहां अवैध भू-खनन माफिया का बोल बाला हो रहा है वहीं इस पर प्रशासन व सरकार द्वारा चलाए जाने वाले डंडे का खामियाजा भट्ठा उद्योग को भुगतना पड़ रहा है। जिसके कारण इस उद्योग पर संकट के बादल छा गए हैं। अगर यही हालात रहे तो भट्ठा मालिकों को उद्योग छोड़ किसी अन्य राज्य का रुख करने को मजबूर होना पड़ेगा। इसलिए पंजाब सरकार को माइनिंग संबंधी स्पष्ट पॉलिसी बनाकर तुरंत प्रभाव से लागू करनी चाहिए।
कहा, पॉलिसी न होने से अवैध खनन करने वालों के कारण भट्ठा उद्योग कर रहा परेशानी का सामना
यह मांग होशियारपुर तहसील ब्रिक्स क्लिन ऑनर एसोसिएशन ने पंजाब सरकार से की। इस मौके पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों प्रधान शिवदेव सिंह बाजवा, मनीष गुप्ता, पंकज डडवाल, नमित गुप्ता, अश्विनी गर्ग आदि ने कहा कि भट्ठा उद्योग सरकार को सालाना लाखों-करोड़ों रुपये के टैक्स देने के बावजूद परेशानी से जूझ रहा है और अवैध खनन करने वाले सरकार को कुछ भी नहीं दे रहे तो भी कार्यवाही के नाम पर भट्ठा मालिकों को तंग परेशान किया जाता है। जबकि भट्ठा मालिकों को सरकार की नीतियों के अनुसार साल में मात्र 2 या 3 माह ही मिट्टी की जरुरत पड़ती है। क्योंकि बरसात व सर्दियों में भट्ठे बिलकुल बंद रहते हैं। इसलिए स्टॉक बनाने के लिए जो समय तय किया गया है उसमें बहुत कम समय ही मिलता है। इसलिए अवैध माइनिंग को भट्ठा उद्योग के साथ जोडक़र देखना बिलकुल गलत है। जबकि अवैध खनन करने वाले सरकार को बिना कोई टैक्स व फीस दिए ही रोजाना करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं।
इसलिए सरकार को चाहिए कि भट्ठा उद्योग को बचाने के लिए जल्द से जल्द पॉलिसी बनाई जाए तथा जब तक कोई विशेष पॉलिसी लागू नहीं की जाती तब तक भट्ठा उद्योग को मिट्टी उठाने की इजाजत दी जाए व बिना वजह परेशान न किया जाए। उन्होंने कैबिनेट मंत्री पंजाब उद्योग एवं वाणिज्य से भी अपील की कि वे भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भेंट करके इस विषय को उनके समक्ष उठाएं और इस डूबती हुई इंडस्ट्री को नई सांसें प्रदान करें।