नारी को सम्मान, महिला सशक्तिकरण डा. अंबेडकर की देन: विजय संपला

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। भारत गौरव संस्था की तरफ से देश के संविधान निर्माता भारत रत्न डा.बी.आर अंबेदकर जी के प्री निर्वाण दिवस को समर्पित समरसता दिवस पर विशेष सैमीनार का आयोजन होशियारपुर के खानपुर गेट स्थित शिराज रैजेंसी होटल में किया गया।
सैमीनार का आगाज संस्था के प्रधान श्री विजय सांपला व अन्य गणमान्यों द्वारा ज्योति प्रज्जवलित करके किया। सैमीनार में मुख्य वक्ता हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. सिकंदर कुमार तथा पीयू रिजनल कैंपस स्वामी सर्वानंद गिरी के हैड आफ लॉ. डिपार्टमेंट डा. बृजेश कुमार थे। सैमीनार में अंबेदकर फाऊंडेशन से मंजीत बाली ने भी अपने विचार रखें।
-मन में अपनत्व का भाव जगाने, कुंठित मनों से विष्मता की भावना को दूर करने की आवश्यकता: डा. बृजेश कुमार
भारत गौरव संस्था के प्रधान विजय सांपला ने आयोजित गोष्ठी के दौरान भारत रत्न डा. बी आर अंबेदकर जी को समर्पित इस विशेष सेमिनार में आए हुए सभी समस्त शहरवासियों का तहे दिल से शुक्रिया किया। उन्होंने समरसता दिवस के बारे में बताया कि समरसता का अर्थ ही समाज को एकजुट करना एवं पारस्परिक भेदभाव को समाप्त करना है। यह कार्य किसी एक व्यक्ति या संस्था का नहीं है। इसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। यह एक सामाजिक आन्दोलन है, इस बुराई का खात्मा जागरूक समाज के द्वारा ही किया जा सकता है। तभी जाकर समाज में वास्तविक समरसता का भाव उत्पन्न होगा।
-भारत गौरव संस्था ने डा. अंबेदकर के प्रीनिर्वाण दिवस को समर्पित करवाया समरसता दिवस पर विशेष सैमीनार
लोगों को जागरूक करने के लिए उनमें प्रेम एवं अपनत्व का भाव जगाने की आवश्यकता है। कुंठित मनों से विषमता की भावना को दूर करने की आवश्यकता है। यह भावना दूर करने के लिए उनके साथ परस्पर प्रेम एवं सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता है। इससे सभी लोग जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर राष्ट्र की उन्नति में सहयोग करेंगे। इससे राष्ट्रीय एकता स्थापित हो सकेगी। यदि किसी राष्ट्र का समाज संगठित होता है तो बाहरी शक्तियां भी उस राष्ट्र के विरुद्ध किसी षड्यंत्र में सफल नहीं हो पाती।
भारतीय संस्कृति तो वसुधैव कुटुम्बकम को मानने वाली है। यदि यहां के लोगों को इस बात का आभास हो जाये और वे आत्म साक्षात्कार कर पायें एवं अपनी शक्ति को पहचाने तो भारत माता फिर से उसी सर्वोच्च सिंहासन पर स्थित होगी जहां कभी यह पहले आरूढ़ थी। भारत वर्ष फिर से एक बार विश्व गुरु होगा इसमें कोई संदेह नहीं। यह कार्य केवल बातों से नहीं प्रयासों से होगा।
-समरसता का अर्थ है समाज का एकजुट होना व पारस्परिक भेदभाव को समाप्त करना: वाइस चांसलर डा. सिकंदर कुमार
इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर वाइस चांसलर डा. सिकंदर कुमार और डा. बृजेश कुमार तथा मनजीत बाली ने इस मौके पर अपने अपने विचार रखें। उक्त वक्ताओं ने डा. भीम राव अंबेदकर जी की जीवनी पर प्रकाश डालते कहा कि वे विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। 1990 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रतन से सम्मानित किया गया। भारत रत्न डा. अंबेडकर के पास 32 डिग्रियां  एवं उन्हें 11 भाषाओं का ज्ञान था।
महिला सशक्तिकरण भी बाबा साहिब के महाप्रीनिर्वाण दिवस पर सच्ची श्रद्धांजलि में किसी भी समाज की तरक्की को उन ऊंचाईयों के साथ मापता हूं। वक्ताओं ने कहा डा. भीम राव अंबेदकर के यह उच्च विचार अपने जीवन में अपनाना उनके महाप्रीनिर्माण दिवस के मौके पर उनको सच्ची श्रद्धांजलि होंगे। विजय सांपला ने कहा अगर आज विश्व में नारी को समाज में एक समान अधिकार, महिलाओं को वोट डालने का अधिकार है तो वह डा. अंबेडकर जी की बदौलत ही है उन्होंने कहा महिला सशक्तिकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाऐ। इस अवसर पर समस्त अतिथिजनों ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया एवं डा. भीमराव अंबेडकर जी के दर्शाए मार्ग पर चलने का प्रण लिया। इस अवसर पर शहर के समाजिक, धार्मिक व अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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