नगर निगम: पैसे भी लिए और काम भी बंद, पार्षद ने कर्मी को लिया आड़े हाथों, तो दूसरे ने दी लिखित शिकायत

नगर निगम होशियारपुर में आज कुछ ऐसा घटा जिससे वहां फैसे कथित भ्रष्टाचार और कुछेक कर्मियों की मनमर्जी का भी खुलासा हो जाता है। आज 9 दिसंबर दिन सोमवार को निगम में उस समय हंगामा हो गया, जब नक्शा संबंधी काम करवाने आए एक व्यक्ति ने वहां पर मौजूद एक पार्षद से लंबे समय से अटके पड़े काम के बारे में बताया। इस पर पार्षद महोदय जोकि मेयर के कमरे में बैठे थे, ने कहा कि वह नक्शा ब्रांच में जाए और फोन पर उनकी बात करवा दे। नक्शे से संबंधित काम करवाने आए व्यक्ति ने जब ब्रांच में पहुंचकर कर्मी को फोन पर बात करने को कहा तो आगे बैठे कर्मी ने बात करने से इंकार कर दिया और बार-बार कहे जाने पर भी बात नहीं की और थोड़ा सा तड़ी दिखा दी। पार्षद महोदय को यह बात बुरी लगी और वह उठकर नक्शा ब्रांच में पहुंच गए।

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इस दौरान उनका पारा एकदम हाई हो गया और उन्होंने संबंधित कर्मी को खूब खरी-खोटी सुनाई। पार्षद महोदय द्वारा कर्मी की अच्छी तरह से खबर लिए जाने का पता चलते ही जहां समस्त कर्मी इकट्ठा हो गए वहीं वहां काम करवाने आए कर्मियों की व्यवहार से दुखी कई लोगों ने अपना दुखड़ा भी रो डाला। मौके पर मेयर शिव सूद भी मौजूद थे तथा उन्होंने भी इस बात का कड़ा संज्ञान लिया कि कर्मी द्वारा पार्षद से बात क्यों नहीं की गई, जबकि पार्षद जनता का प्रतिनिधि होता है व कर्मी को ऐसा व्यवहार शोभा नहीं देता। काफी देर बात वहां मौजूद कर्मियों व साथी पार्षदों और मेयर द्वारा समझाए जाने पर पार्षद महोदय का गुस्सा शांत हुआ। लेकिन उन्होंने कड़ी चेतावनी दी कि अगर भविष्य में किसी कर्मी द्वारा ऐसा व्यवहार किया गया तो वह चुप्प नहीं बैठेंगे तथा संबंधित पर कड़ी कार्यवाही के लिए उच्चाधिकारियों व सरकार के समक्ष मामला उठाया जाएगा।

इसी बीच एक अन्य मामले में नक्शा ब्रांच से संबंधित किसी कर्मी द्वारा शहर के वार्ड नंबर 16 में दुकान के चल रहे कार्य को रुकवा दिया गया और काम करने की एवज में 2 हजार रुपये लेकर काम करने की आज्ञा दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इतना ही नहीं पैसे लेने के बाद पुन: जब कर्मी अपने सथियों सहित काम बंद करवाने आया उन्होंने पार्षद को बुला लिया तथा पार्षद ने जब काम बंद करवाने का कारण पूछा तो कर्मी ने उनके साथ भी दुरुव्यवहार किया। जनता के बीच जनप्रतिनिधि को अपशब्द बोलने का जहां लोगों ने काफी बुरा मनाया वहीं पार्षद के सम्मान को पहुंची ठेस की तपिश नगर निगम पहुंची और पता चला है कि पार्षद ने लिखित तौर पर शिकायत देकर संबंधित कर्मी व उसके साथियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

दोनों मामलों में एक बात तो साफ है कि निगम में उक्त ब्रांच में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। क्योंकि एक तरफ जहां आए दिन जनप्रतिनिधियों के साथ कुछेक कर्मियों द्वारा अच्छा व्यवहार न किए जाने की खबरें आ रही हैं वहीं लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए चक्कर-पे-चक्कर लगाए जाने पर विवश किया जा रहा है। इतना ही नहीं करीब 1 व डेढ साल पहले के लोगों के पास हुए नक्शे से संबंधित फाइलें भी उन्हें नहीं दी जा रहीं तथा जब भी पूछा जाता है तो कर्मियों का एक ही रटा रटाया जवाब देकर लोगों को चलता कर दिया जाता है कि फाइल मिल नहीं रही, ढूंढ रहे हैं। आप समझ सकते हैं कि ऐसे मामलों से पहले निगम का एक बहुत ही बड़ा मामला भी काफी चर्चा का विषय रह चुका है और वह यह है कि इसी ब्रांच से संबंधित एक कर्मी द्वारा किसी को यह कहना कि फलां को पेट नहीं लगे, पर हमें तो पेट लगा है। ऐसी चर्चाओं पर रोक लगाने के स्थान पर जहां अधिकारी वर्ग मौन धारण किए लोगों को परेशान होते देख रहा है वहीं सरकार के जनता को स्वच्छ प्रशासनिक सेवाएं देने के दावों पर भी सवालिया निशान लग रहा है।

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