गऊवंश की दयनीय स्थिति पीड़ादायक, जल्द शुरु की जानी चाहिए चिप व टैग लगाने की प्रक्रिया: अश्विनी गैंद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हरियाना गऊशाल में जाकर नई सोच के संस्थापक अश्विनी गैंद व पूर्व सदस्य पंजाब गौसेवा कमिशन बिन्दुसार शुक्ला ने गऊवंश की दयनीय स्थिति को देखकर गहरी चिंता प्रकट की है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो कार्य गऊवंश के रख रखाव के लिए किया जाना चाहिए, उसमें सरकार पूरी तरह से असफल साबित हो रही है। पंजाब सरकार के कार्य को गऊ भगत स्वयं करने के लिए प्रयत्नशील हैं। इसलिए पंजाब सरकार से मांग है कि स्वयं की प्रेरणा से गऊवंश की सेवा में तत्पर लोगों को सहयोग प्रदान करे ताकि गऊवंश की दयनीय स्थिति से उनको उभारा जा सके। इस अवसर पर उन्होंने मांग की कि आए दिन जो गऊवंश सडक़ों पर आ रहा है, उसको रोकने का एक मात्र उपाय गऊवंश की रजिस्ट्रेशन कर उनको चिप व टैग लगाने का कार्य तत्काल प्रभाव से शुरु किया जाना चाहिए ताकि सडक़ों पर गऊवंश छोडऩे वालों की पहचान कर उनको दंड देने की व्यवस्था की जा सके।

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उन्होंने कहा कि गऊसेवा के लिए सरकार ने टैक्स के रुप में जनता का जो भी सहयोग डाला जा रहा है, उसे भी समय पर गौशालाओं में भिजवाने का प्रबंध किया जाना बेहद जरुरी है। ऐसा न होने से गौशालाओं के प्रबंधन में प्रबंधकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए एक तरफ जहां सरकार को गऊवंश की टैगिंग व चिप लगाने का कार्य शुरु करना चाहिए वहीं गौशालाओं के लिए लिया जाने वाला सैस भी समय पर गौशालाओं में पहुंचाने का प्रबंध करे। इस अवसर पर गऊशाला के संचालक जगदीश शर्मा, सरवन कुमार, जतिंदर शर्मा, संजीवन, मुकेश कुमार, नवीन डोगरा, विनोद ठाकुर, करन पासी, चंद्र प्रकाश, डा. संदीप पासी, निर्मल गुलेरिया, हिमांशु कौशल, सुभाष चंद्र मिश्रा, वरिंदर परमार आदि उपस्थित थे।

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