रामजन्मभूमि पर फैसले के बाद देशवासियों ने किया परिपक्वता से व्यवहार: राष्ट्रपति

नई दिल्ली। 31 जनवरी को नई दिल्ली में संसद के केन्द्रीय कक्ष में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक दौरान बजट सत्र के पहले दिन संसद के ऐतिहासिक केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति ने संबोधित किया। बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भविष्य के भारत की रूपरेखा को स्पष्ट किया। उन्होंने नागरिकता कानून, अनुच्छेद 370, राम जन्मभूमि पर फैसला, किसान सम्मान निधि, जल जीवन मिशन, अनाधिकृत कॉलोनियों को स्थाई करने और खेल में बने कीर्तिमान पर सरकार के दृष्टिकोण को समाने रखा।

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि पर फैसले के बाद देशवासियों द्वारा जिस तरह परिपक्वता से व्यवहार किया गया, वह भी प्रशंसनीय है। मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं। वहीं विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है। सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए सुधारों का ही परिणाम है कि अनेक क्षेत्रों में भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अभूतपूर्व सुधार आया है। मेरी सरकार, ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलते हुए, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले 40 लाख से ज्यादा लोग, बरसों से इस अपेक्षा में जी रहे थे कि एक दिन उन्हें अपने घर का मालिकाना हक और गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिलेगा। दिल्ली की 1,700 से अधिक कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की इस अपेक्षा को भी सरकार ने पूरा किया है। पिछले 2 अक्तूबर को गांधी जी की 150वीं जयंती पर, देश के ग्रामीण इलाकों ने, खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करके, राष्ट्रपिता के प्रति सच्ची श्रद्धा व्यक्त की है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने आतंकवाद फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए सुरक्षा बलों को पूरी छूट दी हुई है। सरकार द्वारा अंतरिक्ष में भी सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। ए-सेट के सफल परीक्षण से भारत अंतरिक्ष में विशेष मारक क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।

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