किसान विरोधी बजट में केंद्र सरकार व अकाली दल का किसान विरोधी चेहरा हुआ नंगा : एडवोकेट दलजीत

टांडा उड़मुड़ (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रिषीपाल। केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए वार्षिक बजट में खेती व बेरोजगारों के लिए कोई संजीदा विकल्प न दिए जाने से केंद्र की मोदी सरकार व उसकी भाईवाल अकाली दल का किसान व गरीब विरोधी चेहरा नंगा हुआ है। इन विचारों का प्रगटावा पंजाब कांग्रेस के अधिवक्ता एडवोकेट दलजीत सिंह गिलजियां ने आज टांडा में स्थानीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए किया। इस अवसर पर गिलजियां ने पेश किए गए बजट का आंकड़ों के साथ हवाला देते हुए कहा कि खेती, किसानी व गरीबों के लिए घटाए गए बजट के प्रति केंद्र की सांझीवाल अकाली दल की चुप्पी अपना मंत्री पद बचाने के लिए पंजाब के हितों को गिरवी रखने के समान है।

Advertisements

एडवोकेट गिलजियां ने बजट के खेती विरोधी आंकड़े पेश करते हुए बताया कि बजट में खरीद के लिए एफसीआई को पिछले साल बजट के दौरान 1.51 हज़ार करोड़ की बजाए इस वर्ष 75 हजार करोड़ दिए गए हैं और 70 हज़ार करोड कम किए गए हैं। फूड सब्सिडी के लिए 1.80 करोड़ की बजाय 1.25 लाख करोड़, मनरेगा में 10 हज़ार करोड़ की कमी और खाद सब्सिडी में 9 हज़ार करोड़ की कमी की गई है जिसका सीधा प्रभाव खेती और किसानों पर पड़ेगा।

उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों और सोच को घेरते हुए कहा कि सरकार की किसानों के प्रति गैर संजीदगी इस बात से साबित होती है कि पिछले बजट में खेती सेक्टर के लिए रखे गए 1लाख 50 हजार करोड़ की बजाय अब एक लाख 20 हज़ार करोड़ ही खर्च किए जाएंगे। जिसमें 30 हज़ार करोड की कमी की गई है। इसी तरह पीएम किसान योजना में भी 30 हजार करोड़ की कमी की गई है। गिलजियां ने आरोप लगाते हुए कहा कि देश में एग्रीकल्चर ग्रोथ 2 फीसदी है और बेरोजगारी पिछले 45 सालों के दौरान सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बेरोजगारी और देश के किसानों के लिए बजट में कुछ नहीं रखा। उलटे 4 फीसदी उद्योगिक घ्राणो को 1.55 हज़ार करोड़ के टैक्स बेनिफिट दिए है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here