जीवात्मा और प्रेमात्मा के आनंदमय मिलन को ही महारास कहा गया है: अतुल कृष्ण

-रुद्र चंण्डी यज्ञ के आज दिन विकास सिंगला व प्रिंयका सिंगला बने मुख्य यजमान-
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर चैरीटेबल सोसायटी की तरफ से एकता नगर, नजदीक खानपुरी गेट में श्री रुद्र चण्डी महायज्ञ के नौवें दिन आचार्य राजिंदर हरिद्वार के नेतृत्व में उत्तराखण्ड से आए विद्वानों द्वारा मंत्रोच्चारण करके आहुति डलवाई गई। इस दौरान मुख्य यजमान के तौर पर विकास सिंगला व प्रियंका सिंगला ने आहुति डाली। इस मौके पर संजीव अरोड़ा, राजेश अग्रवाल, ऊषा शर्मा, परवीन तलवार, तरसेम मोदगिल, रेमश अग्रवाल, नील कमल मोदगिल, नीना मोदगिल, दविंदर वालिया, विशाल वालिया, राजीव सर्मा, सुभाष अग्रवाल, शोभन सिंह, अशोक कुमार, सुधा अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, शुभम सिंगला तथा राकेश डोगरा ने भी हाजिरी लगवाई।
इस दौरान श्रीमद्भागवत कथा करते हुए अतुल कृष्ण जी ने बताया कि प्रेमावतार लीला पुरषोत्तम बृज राजरस रसिक भगवान श्री कृष्ण पूर्ण ब्रह्म हैं व संसार की सर्वोपरी शक्ति हैं। बृज भुमि में अवतरित होकर प्रेम लीलाओं के माध्यम से सभी के चिन्त का आकर्षण किया। महारास लीला का वर्णन करते हुए कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री ने कहा कि विशुद्ध प्रेम से परिपूर्ण जीवात्मा और प्रेमात्मा के आनंदमय मिलन को ही महारास कहा गया है। बृज गोपी अर्थात अपनी इन्द्रियों का दमन कर मात्र श्री कृष्ण प्रेम रस को पान करने वाली हृदय की सहज स्थिति का नाम है। उन्होंने बताया कि कंस आदि राक्षसों का अन्त करने के बाद श्री कृष्ण सारिका के सिंहासन पर विराजित हुए और लक्ष्मी स्वरूपा श्री रूकमणी जी से मंगल विवाह महोत्सव संपन्न हुआ। इस दौरान भगन्नाम संकीर्तन से उन्होंने पंडाल को बृज रसिक रंग में रंग दिया।

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