जम्मू/राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। देश की सुंदरघाटी यानि श्रीनगर में जनता कफ्र्यू का व्यापक असर देखा गया वैसे तो सरकार ने घाटी में वीते चार दिन से सख्त पाबंदियां लगा रखी थीं। लेकिन शनिवार को इसका दायरा बढ़ा दिया। और रविवार को जनता कफ्र्यू लग गया। लेकिन इस बार के कश्मीरी जनता खुश थी उनके चेहरे पर मुस्कुराहट थी।
विदेशों में पढ़ाई कर रहे कश्मीर छात्र अब बड़ी संख्या में वापस आ रहे हैं
इससे यातयात पूरी तरह बंद थी पहले से स्कूल-कॉलेज, दुकानें और दफ्तर बंद हैं। इंटरनेट सेवा भी ठप है। सिर्फ जरूरी सुविधाएं ही बहाल हैं। इससे जुड़े लोग आईकार्ड दिखाकर आ-जा सकते हैं। घाटी में यह पाबंदियां उसी तरह हैं, जैसे पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद लगी थीं। लेकिन फर्क यह है कि तब लोग पाबंदियों का विरोध कर रहे थे और इस बार वे खुशी से प्रशासन का साथ दे रहे हैं। ताकि कोरोनावायरस से जीता जा सके। श्रीनगर में जनता कफ्र्यू में लोगों की आवाजाही देखने को नहीं मिली। इनसे लग रहा है कि लोग आजकी सख्ती से खुश थे। कईं जगह थालियों व तालियों की आवाजें भी सुनने को मिली।
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले तीन छात्र क्वरैंटाइन के बावजूद भागकर घाटी पहुंचे
कश्मीर प्रशासन को सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है, उन कश्मीरी छात्रों की स्क्रीनिंग करने में, जो अलग-अलग देशों में पढ़ाई करते हैं, पर अब वे घाटी वापस आ रहे हैं। उनकी स्क्रीनिंग करके उन्हें क्वरैंटाइन करना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। कुछ दिन पहले कश्मीर के तीन छात्र जो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हैं, वे यूएई से अलीगढ़ लौटे थे। उन्हें यूपी प्रशासन ने 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन किया था। पर वे वहां से भाग निकले और कश्मीर आ गए। अब प्रशासन उन्हें खोज रहा है। घाटी में पांबंदियों का चौथा दिन है। पुलिस के जवान सुबह से ही गश्त कर रहे हैं।
श्रीनगर में धारा-144 लागू किया गया, पुलिस स्टेशनों पर थर्मल स्कैनर लगाए गए
श्रीनगर में धारा-144 लागू कर दी गई है, ताकि लोगों कहीं भी एकजुट न हो सकें। सरकार ने समाज के सभी लोगों से वीते रोज अपील की थी कि वह जनता कफ्र्यू में सहयोग दें। कश्मीर पुलिस ने रोस्टर बनाया है ताकि पुलिसकर्मी अल्टरनेटिव वीक पर काम कर सकें। पुलिस स्टेशनों पर थर्मल स्कैनर लगाए गए हैं। 65 होटल क्वरैंटाइन सेंटर बनाए गए। यहां बाहर से आने लोगों को 14 दिन तक रखा जा रहा है। प्रशासन ने कोरोना से लडऩे के तीन करोड़ रुपए जारी किए हैं। जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने सभी धार्मिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया। वो भी तब जब घाटी में मेराज-उल-आलमत्योहार है।