कोरोना वायरस से संक्रमित मृत देह के संस्कार संबंधी जागरुकता जरुरी: डा. बग्गा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सामाजिक जागरूकता के लिए कार्यरत संस्था सवेरा ने कुछ लोगों द्वारा वेरका के नजदीक गांव के शमशान घाट में श्री हरमंदिर साहिब के पूर्व हजूरी रागी पदमश्री निर्मल सिंह खालसा का संस्कार न करने देने के फैसले की कड़े शब्दों में निंदा की है। “सवेरा” द्वारा भाई निर्मल सिंह की मौत पर गहरा दुख प्रगट किया गया तथा उनकी आत्मिक शांति के लिए मौन रखकर प्रार्थना भी की गई।

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सवेरा के कनवीनर डा. अजय बग्गा ने जारी एक बयान में कहा कि गांव वालों में कोरोना वायरस के फैलाव संबंधी वैज्ञानिक जानकारी न होने के कारण उनके संस्कार का विरोध किया गया जोकि बहुत ही दुखद है। प्रशासन द्वारा बाद में गांव सुक्करचक्क की शामलाट जमीन में अंतिम संस्कार करना, अज्ञानता के आगे सिर झुकाना है। गांव वासियों को वैज्ञानिक तर्क के साथ समझना चाहिए था कि संस्कार करने से उठी राख द्वारा कोरोना वायरस नहीं फैलता है। डा. बग्गा ने बयान में कहा कि भारत सरकार के स्वास्थ्य तथा परिवार भलाई विभाग द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि कोरोना वायरस से पीडि़त रोगियों को मौत उपरांत जलाया या दफनाया जा सकता है।

संस्कार करते समय गल्वज़, मास्क, चश्मा तथा सरकार द्वारा निर्धारित सामान पहल कर मृतक के शरीर के आस-पास लिपटे कपड़े को पूरी तरह सैनेटाइज करना चाहिए। शव-वाहन को भी बाद में पूरी तरह सैनेटाइज करना चाहिए।

डा. बग्गा ने सरकार से निवेदन किया कि सामाजिक तथा धार्मिक संगठनों के सहयोग से मृत देह के संस्कार संबंधी सही जानकारी जनता तक पहुंचाई जाए ताकि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मौत उपरांत परिजनों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े। कोरोना वायरस के विरुद्ध जागरूकता अभियान के साथ ही लोगों में कोरोना वायरस संबंधी फैली भ्रांतियों को दूर किया जा सकता है।

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