होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कोरोवा वायरस के कारण पैदा हुए संकट के समय में कई परिवार ऐसे हैं जिनके समक्ष दो वक्त की रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में सभी का फर्ज बनता है कि अपनी समर्था अनुसार जरुरतमंदों की मदद की जाए और श्रावण माह में माता चिंतपूर्णी जी के दर्शनों को जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लंगर लगाने वाली संस्थाओं को भी एकजुट होकर इस विकट घड़ी में आगे आना चाहिए।
यह बात सामाजिक संस्था नई सोच के संस्थापक अध्यक्ष अश्विनी गैंद ने कही। उन्होंने संस्थाओं से अपील करते हुए कहा कि सही मायनों में लंगर लगाने का समय अब है तथा संस्थाओं को एक संयुक्त बैठक करके दिन व इलाके बांट लेने चाहिए ताकि जरुरतमंदों तक भर पेट भोजन पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह संकट कोई छोटा संकट नहीं है तथा अभी और कितने दिन तक चलेगा इसके बारे में भी कुछ नहीं कहा जा सकता।
इसलिए हमें हर तरह की स्थिति से तैयार रहना चाहिए और समाज में उन लोगों का भी ध्यान रखना होगा जो शर्म या किसी मजबूरी बस अपनी जरुरत नहीं बता सकते। अश्विनी गैंद ने लंगर वितरित कर रही और राशन दे रही संस्थाओं से भी अपील की कि वे भोजन खिलाना व रोशन भेंट करना पुण्य का काम है और इस काम को करते समय अगर फोटो न खिंचवाई जाए व उसे सोशल मीडिया पर डालने से भी परहेज किया जाए। क्योंकि कई लोग इसी कारण से मदद लेने के लिए आगे नहीं आते व ऐसे किसी की मजबूरी का मजाक बनता है। जिससे सभी को परहेज करना चाहिए। उन्होंने संस्थाओं को आश्वासन दिया कि अगर वे ऐसा कोई कदम उठाती हैं तो नई सोच द्वारा उन्हें पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।