होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। जिला मैजिस्ट्रेट-कम-डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने फौजदारी संहिता संघ 1973(1974 का एक्ट-2) की धारा 144 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिला होशियारपुर में गेहूं के अवशेषों/नाड़ को आग लगाकर जलाने पर पाबंदी लगा दी है। जारी किए इस आदेश में उन्होंने कहा कि रबी सीजन वर्ष 2020 का गेहूं की कटाई का सीजन शुरु हो गया है। यह आम देखने में आया कि संबंधित मालिकों की ओर से आग लगाने की प्रथा होने के कारण गेहूं के अवशेष/ नाड़ को आग लगा दी जाती है, जिससे जानी व माली नुकसान होने की संभावना बनी रहती है।
उन्होंने कहा कि इससे गांवों में लड़ाई झगड़ा होने का डर रहता है व प्रदूषण से सांस की बीमारियां भी हो सकती है। इसके अलावा आग लगाने से जमीन के लिए उपयोगी जीवक मादा को नुकसान के कारण जमीन की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है व जमीन की ऊपरी सतह में मौजूद कई लाभदायक जीवाणु भी मर जाते हैं। इससे सीधा नुकसान किसानों को होता है व उसका अप्रत्यक्ष तौर पर असर देश के उत्पादन पर पड़ता है। इसके मद्देनजर जिले में फसल के अवशेष, नाड़ को आग लगा कर जलाने पर पाबंदी लगाई जाती है।
दूसरे आदेश में जिला मैजिस्ट्रेट ने जिले में सांय 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कंबाइनों से गेहूं काटने पर पाबंदी लगा दी है। जारी किए आदेश में उन्होंने कहा कि यह देखने में आता है कि गेहूं को काटने के लिए कंबाइने 24 घंटे काम करती है। यह कंबाइने रात के समय ओस पडऩे के कारण गीले गेहूं को काट देती है। इस तरह गेहूं में नमी सरकार के निर्धारित मापदंडों से बढऩे की संभावना होती है व खरीद एजेंसियां गेहूं को खरीदने से असमर्थ होती है, जिससे किसानों को गेहूं बेचने के लिए मंडियों में बिना वजह परेशान होना पड़ता है। यह दोनों आदेश 15 जून 2020 तक लागू रहेंगे।