होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए पंजाब सरकार को अभी तक एक रुपये की भी मदद नहीं भेजी गई है। जिन 2366 करोड़ रुपये की बात केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर द्वारा की जा रही है वे पंजाब का हक था और जी.एस.टी. का बकाया था जो केन्द्र ने पंजाब को दिया है। बल्कि अभी भी 4400 करोड़ रुपये केन्द्र की तरफ बकाया हैं। पहले हरसिमरत यह पैसा केन्द्र से लाकर दे उसके बाद राहत पैकेज लाकर प्रदेश की जनता को सत्य से अवगत करवाएं। लेकिन दुख की बात है कि जनता को गुमराह करके राजनीति करने वाली अकाली दल व उनके मंत्री सदैव लोगों को ठगते रहे हैं। कोविड-19 से पैदा हुई स्थिति में भी इन्हें राजनीति के अलावा कुछ नहीं सूझ रहा।
यह बात हलका शाम चौरासी से विधायक पवन कुमार आदिया ने आज यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कही। विधायक आदिया ने कहा कि पंजाब के हक के रुपये को राहत पैकेज बताकर जनता को गुमराह करके हरसिमरत कौर बादल ने अपने गैरजिम्मेदाराना रवैया का परिचय दिया है।
कहा, जनता को गुमराह करना छोड़ें हरसिमरत और मोदी सरकार को करना चाहिए पूर्व की डा. मनमोहन सिंह सरकार का अनुसरन
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में अपने रिर्सोसिस से कोविड-19 से निपटने में काफी हद तक सफल रही है और जल्द ही प्रदेश कोरोना मुक्त हो जाएगा। विधायक आदिया ने कहा कि अकाली और भाजपा ने सदैव ही प्रदेश वासियों के हकों को नकारा है तथा सस्ती लोकप्रियता के लिए जनता को धोखा देना इनकी आदत में शामिल है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने किसी राज्य की बात नहीं की बल्कि पूरे भारत की बात करते हुए पंजाब को उसका हक देने में कभी हाथ नहीं खींचा।
केन्द्र द्वारा भेजे 2366 करोड़ पंजाब का हक व जी.एस.टी. का बकाया है कोई राहत राशि नहीं
इस बात को अकाली और भाजपा वाले भी भलीभांति जानते हैं कि डा. मनमोहन सिंह के हाथों में पंजाब के हक सुरक्षित थे। लेकिन, दुख की बात है कि केन्द्र की मोदी सरकार पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है तथा इसके हक के रुपये भी नहीं दे रही और इसके मंत्री झूठी वाहवाही के लिए हक के पैसे को राहत पैकेज बता रहे हैं। विधायक आदिया ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार को पूर्व की डा. मनमोहन सरकार का अनुसरन करना चाहिए और पंजाब को उसका बनता हक देकर उसके बाद राहत भेजनी चाहिए व फिर जनता को बताना चाहिए कि कितनी राहत भेजी है।