शराब के ठेकों का नहीं छोटे दुकानदारों का सोचे सरकार: दर्पण गुप्ता

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार को राजस्व बढ़ाने के लिए शराब के ठेकों की जितनी चिंता है उतनी अगर छोटे दुकानदारों की करे तो जहां व्यापार होने से राजस्व बढ़ेगा वहीं छोटे दुकानदारों की आर्थिक स्थिति भी ठीक होगी। क्योंकि, कोरोना वायरस के कारण लगाए गए करफ्यू में सबसे ज्यादा नुकसान छोटे दुकानदारों एवं मजदूर वर्ग को झेलना पड़ रहा है। इसलिए सरकार शराब के ठेकों का न सोचकर छोटे दुकानदारों का सोचे, जिनकी रोजी रोटी कामकाज पर निर्भर है। इस वर्ग के लिए भी वैसे भी सरकार के पास कोई भी कल्याणकारी योजना भी नहीं है। जिसके सहारे यह लोग दिन काट सकें। यह विचार जिला भाजपा व्यापार सैल के अध्यक्ष दर्पण गुप्ता ने कहे। उन्होंने कहा कि सरकार को जितनी चिंता शराब के ठेकेदारों की है अगर वह निम्न मध्यमवर्गीय दुकानदार की करे तो जनता में उसका अक्स सुधर सकता है।

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मगर, सरकार ने ठेकों को खोलने की आज्ञा देकर नशों को बढ़ावा देने का काम किया है। इस समय लोगों के पास पैसों की कमी है तथा जो लोग शराब के आदी हैं वे बचे हुए पैसे भी शराब में उड़ा देंगे जिसका खामियाजा उनके परिवार को भुगतने को मजबूर होना पड़ेगा। इसलिए कोरोना महामारी के इस समय में शराब के ठेके खोलने से पहले इसके लाभ एवं हानियों पर भी सरकार को ध्यान दौड़ा लेना चाहिए। दर्पण गुप्ता ने कहा कि पहले ही करफ्यू एवं लॉक डाउन के कारण छोटे दुकानदारों एवं व्यापारी वर्ग की कमर टूट चुकी है और यह दिन आगे और कब तक चलेंगे इसके बारे में भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसलिए जनता को जिस चीज की ज्यादा जरुरत है उसके बारे में सरकार को चिंता करनी चाहिए। लेकिन पंजाब की कैप्टन सरकार को शराबियों की और अपने राजस्व की चिंता सताए जा रही है। जिसका आम लोगों को कोई लाभ मिलने वाला नहीं हैं। दर्पण गुप्ता ने सरकार से मांग की कि वे अपने निर्णय पर पुन: विचार करे और दुकानें खोलने संबंधी व कफ्यू में ढील का समय बढ़ाने संबंधी आदेश जारी करके जनता को राहत पहुंचाए।

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