अफसरशाही का सरकार पर भारी होना गंभीर विषय: तीक्ष्ण सूद

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। जिला भाजपा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद, पूर्व मेयर शिव सूद, जिलाध्यक्ष विजय पठानिया, जिला महामंत्री विनोद परमार, निपुण शर्मा, सुरेश भाटिया, मीनू सेठी, रणजीत सिंह राणा, दर्पण गुप्ता, महिंदर पाल धीमान, डा. राजीव कोहली, कुलदीप भारद्वाज आदि नेताओं ने संयुक्त तौर पर कैप्टन सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए है।

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मुख्यमंत्री के माध्यम से पंजाब की जनता पर गलत फ़ैसले थोप रही अफसरशाही

जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता तीक्ष्ण सूद ने पंजाब यहाँ आज कोरोना महामारी के संकटकाल में बुरी तरह से जूझ रहा है,वही अब आर्थिक संकट से भी लड़ाई लडऩे का समय आ गया है।लेकिन हर फ्रंट पर फेल हो चुकी कांग्रेस सरकार इस गम्भीर मुद्दे पर कही भी नजऱ नही आ रही।

उन्होंने कहा कि गत दिवस पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक से पहले कोरोना संकट से निपटने वाली कमेटी की बैठक में देखने मे आया कि कमेटी के दो मंत्री सदस्यों ने चीफ़ सेकेट्री के व्यवहार से खिन्न होकर शुरू हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठक बीच में छोड़ कर चले गए। भाजपा नेताओ ने कहा कि आज तक पंजाब को कोरोना संकट के इतने नज़दीक पहुँचने के बावजूद भी पंजाब सरकार की और से कोई ठोस नीति नही बनाई गई है। फिर वो चाहे राशन बांटने की निष्पक्ष प्रक्रिया हो या स्वास्थ्य सेवाओं को लागू करवाने में अथवा प्रवासी मजदूरों के मामले आदि सब में कैप्टन सरकार ने सिर्फ अपनी किरकिरी ही करवाई है।

श्री सूद ने कहा कि पंजाब में अफसरशाही इस कदर हावी हो चुकी है कि पंजाब मंत्रीमंडल की चार बार बैठक को आगे डालकर अहम मुद्दों पर सरकार के पास कुछ भी लाइन ऑफ एक्शन नहीं है। जबकि अफसरशाही ने मुख्यमंत्री के माध्यम से पंजाब की जनता पर गलत फैसले थोपने में कोई कसर नही छोड़ी। घर-घर शराब देने की विचार भी अफसरशाही की देन है। इस मामले में खुलकर कई पंजाब सरकार के मंत्रियों व उनके पारिवारिक सदस्यों द्वारा विरोध भी जताया गया है। इससे पहले लोकडाउन शुरू होते ही केंद्र सरकार से पैसे की मांग रखना भी अफसरशाही का ही दबाव था।

भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री पंजाब से अपील की है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लडऩे के लिए और पंजाब में शुरू हुई आर्थिक संकट को रोकने के लिए अपने पार्टी के विधायकों व मंत्रियो से सलाह मशवरा जरूर करें।इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों के नेताओं के पंजाब हित में दिए जाने वाले सुझावों पर भी गौर कर अमल में लाया जाना चाहिए।ताकि कोरोना से निजात पाकर पंजाब दोबारा से आर्थिक संकट से उभर कर विकास की पटरी पर दौड़ सके।

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