होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना संकट के दौरान कफ्र्यू तथा लॉकडाउन के दौरान घरों के अंदर रह रहे नागरिकों को जरूरी वस्तुओं की सप्लाई करने के लिए होशियारपुर पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर पुलिस वालंटियर रजिस्टर होने के लिए मांग रखी गई थी तथा यह भी कहा गया था कि रजिस्टर होने पर प्रार्थी को उनकी सेवाओं के लिए 5000 रुपए प्रति महीने मान भत्ता दिया जाएगा। होशियारपुर के प्रत्येक पुलिस स्टेशन के अनुसार सैकड़ों बेरोजगार नौजवान पुलिस वालंटियर रजिस्टर किए गए तथा उन्होंने अपने बाहन का प्रयोग करके दोपहर की कडक़ती धूप में पूरी मेहनत से कोरोना के खिलाफ जंग लडऩे के लिए लोगों को जरूरी वस्तुओं को समय पर पहुंचाकर उनकी तथा पुलिस प्रशासन की सेवा की। अब दो महीने के बाद जब कफ्र्यू तथा लॉकडाउन हटने के बाद उनका कार्य समाप्त हो गया है, तो प्रशासन उन्हें मान भत्ता देने के प्रशन पर ठेंगा दिखा रहा है।
चारों तरफ सुनवाई ना होने पर उनके नुमाइंदे धर्मपाल, कुलदीप सिंह, अर्जुन, जसकरण सिंह, दीपक नेगी, ऋषभ मेहता, चंदन, साहिल, रघुवीर सिंह, इंद्रजीत, सूरज आदि ने पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद से भेंट करके अपनी मुश्किलें बताते हुए सहायता की गुहार की। स्थानीय प्रशासन के इन ब्लंटईयर प्रति उपेक्षा पूर्ण रवैये के चलते श्री सूद ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिख कर पुलिस वालंटियर को उनकी बनती मान राशि दिलवाने के लिए निर्देश जारी करने के लिए उपरोक्त तथ्यों को आपने प्रेस नोट में उजागर करते हुए कहा कि कोरोना योद्धा के बारे में सरकार बड़ी-बड़ी बातें तो जरूर करती है, परंतु कोई ठोस काम उनके लिए नहीं किया जा रहा।
उनके बेरोजगार नौजवानों ने भारी गर्मी में मेहनत करके लोगों की सहायता करके उन्हें बचाया है, उनका पेट सम्मान से नहीं भरने वाला। इसलिए उन्हें मानदेय राशि तुरंत मिलनी चाहिए तथा प्रशासन को उनके साथ सहानुभूतिपूर्ण पेश आना चाहिए।