मिशन मास्क गरीब की जागरूकता और सुरक्षा का अनूठा आह्वान

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना वायरस के प्रकोप व लम्बे चले लॉकडाऊन में बहुत सी अच्छी-बुरी बातें हुई। एक ओर महामारी का डर व जीवनशैली पर नकारात्मक असर तो दूसरी तरफ रहा प्रकृति का निखरना। इंसानी जीवन जहां पटरी से उतरा, वहीं भावप्रद प्रयास भी हुये जिसमें बहुत से दानी, कर्मयोगी हाथ मदद को आगे बढ़े। हर आम व खास, छोटे से बड़े ने अपने-अपने स्तर पर ज़रूरतमन्दों की ज़रूरतें पूरी करने की मुहिम चलाई। इसी संदर्भ में आज हम आपसे मिलवाने जा रहे हैं होशियारपुर की यंगेस्ट समाजसेवी आयुशी सैनी से जो पेशे से फैशन डिज़ाइनर हैं और 2019 के अन्त में इटली से बैग, शूज़ व अक्सैसरी डिज़ाईन में मास्टर डिग्री करके लौटी हैं।

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बुरे या अच्छे समय में खुद से पहले दूसरों का सोचें: आयुशी सैनी

एक खास बातचीत में उन्होंने बताया कि अपने परिवार के साथ कुछ क्वालिटी समय बिताकर वो एक इंटरनेशनल कम्पनी के लिये काम करने जाने वाली थी, जब कोरोना ने विश्व भर को अपनी चपेट में लेना शुरू किया। इस अकस्मात ग्लोबल चुनौती व बंदिशों से भरे लॉकडाऊन को कोसने की बजाय उन्होंने अपने हुनर व समय का सदुपयोग करते हुये क्वालिटी मास्क बनाकर गरीबी रेखा से निचले परिवारों में मुफ्त बांटने का फैसला लिया। इसका कारण बताते हुये आयुशी सैनी ने बताया कि यूं तो सारी दुनिया में इस खतरे के बारे में बहुत जागरूकता हुई है, लेकिन एक ऐसा वर्ग हमारे आसपास ही है जिसे सिर्फ 2 वक्त की रोटी जुटाने की ही सोच रहती है। जो इतना पढ़ालिखा या सोशल मीडिया से जुड़ा नहीं, जिससे उसे इस खतरे से बचने की उपयुक्त जानकारी मिल सके। बल्कि इग्नोरेंस के बीच आधी अधूरी जानकारी उनके लिये खतरे का सबब बनती है। तो पहला लक्ष्य दीन हीन को ऐम्पावर करना व दूसरा- घर में रहकर इस कठिन समय में अपना समुचित योगदान देने का यह सबसे सरल व उपयोगी माध्यम था। इसीलिये उन्होंने अपने पिता प्रेम सैनी के सहयोग से यह बीड़ा उठाया कि न केवल वे नये सूती कपड़े के बढिय़ा मास्क बनाकर बांटेगी बल्कि बस्तियों व झुग्गियों में जाकर वे मूलभूत जानकारी से वंचित परिवारों को जागरूक भी करेंगी। प्रतिदिन लगभग 50-60 मास्क बनाकर हर शाम एक घंटा वे इस मिशन के लिये निकलती हैं जिसमें वे रास्ते में मिलने वाले सब्जी-फल विक्रेता, मजदूर व दिहाड़ीदार परिवार व ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी भी शामिल हैं को मास्क बांटते हैं।

उनके पिता प्रेम सैनी के अनुसार पिछले 5 हफ्तों में वे लगभग 1500 मास्क वितरित कर चुके हैं और यह मिशन अभी भी जारी है। मास्क तीन परतों वाले अलग अलग रंगों में बनाये जा रहे हैं और इसमें बच्चों व सिख या पगड़ीधारी की ज़रूरत मुताबिक अलग मास्क तैयार किये जा रहे हैं। इस मिशन में उनकी नाईस टीम के खास सदस्य शिव कुमार व फिज़ा भी सहयोग दे रहे हैं। लॉकडाऊन में जब सब बन्द रहा तो इतनी मात्रा में नये कपडों का इन्तज़ाम कैसे हुआ तो इसके जवाब में उन्होंने बताया कि शुरूआत तो घर में पड़े स्टाक से हुई जो उनकी माता स्वीन सैनी ने मुहैया करवाया और उन्हें गर्व है कि उसमें उनकी दिवंगत दादीजी द्वारा मां को दिया बेहतरीन क्वालिटी का उम्दा कॉटन फैब्रिक भी इस्तेमाल हुआ। बाद में सोशल मीडिया पर इस मिशन के बारे में पोस्ट किया गया तो मदद के लिये बहुत से लोंगों ने इच्छा जताई, जिसमें अहम योगदान नाईस कम्पयूटरज़ की पुरानी छात्रा अमनप्रीत कौर व उनके अन्य दोस्तों का रहा और अब बाज़ार खुलने के बाद वे खुद कपड़ा खरीदकर इस्तेमाल कर रहे हैं।

आंखों में चमक लिये उन्होंने बताया कि दूसरों की ज़रूरतों का खुद से पहले ख्याल रखना उनके खून में है। उन्होंने होश संभालते ही अपने दादा-दादी व मम्मी-पापा को अपने साथ काम करने वाले या अन्य ज़रूरतमन्दों की केयर करते देखा है तो यह निस्वार्थ भाव उन्हें विरासत में मिला है।

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