गढ़शंकर (द स्टैलर न्यूज़)। कोरोना महामारी ने हर वर्ग को अपनी चपेट में लिया हुआ है किंतु मध्यम वर्ग की तो इस महामारी ने कमर तोड़ कर रख दी है। गत दो माह से काम काज बंद पड़े रहने के कारण मध्यवर्गीय लोगों की आर्थिक स्थिति नाजुक हो गई है। इस वर्ग के प्रति जहां सरकारों का रवैया उदासीनता वाला है वहीं राज्य के बड़े निजी स्कूलों ने सरकारों की मिलीभगत से लॉकडाऊन के दौरान भी लूट मचा रखी है।
यह शब्द आदर्श सोशल वैल्फेयर सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष सतीश कुमार सोनी ने प्रैस को जारी ब्यान में कहे। उन्होंने कहा कि कुछ बड़े निजी स्कूल द्वारा मनमर्जी की फीसें व किताबों के रेट वसूलने से मध्यवर्गीय लोगों की स्थिति को और खराब कर दिया है। सोनी ने आरोप लगाया कि कुछ स्कूल पहली से पांचवीं के बच्चों से 1200 से 2000 रूपए और किताबों के 3500 से 7000 रुपए जबरदस्ती वसूल रहे हैं और उसकी रिसीद भी नहीं दे रहे। उन्होंने निर्देशों की धज्जियां उड़ाने वालों खिलाफ सख्त कार्रवाही करने की मांग की।