खालिस्तान के बारे सोचने तक से आतंकवाद के पुनर्जीवित होने की पैदा हो रही संभावना: तीक्ष्ण सूद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पिछले दिनों अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष भाई गोविंद सिंह लोंगोवाल द्वारा खालिस्तान लाने के संबंध में दिए गए विवादित ब्यानों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए श्री सूद ने कहा कि अब किसी को भी खालिस्तान के बारे में सोचना नहीं चाहिए। खालिस्तान का नाम लेना तथा सपना तक लेना भी साकार होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली सदी के 80-90 दशक में देश विरोधी सोच के लोगों ने नौजवानों को भडक़ाकर अलग से खालिस्तान देश हासिल करने के सपने दिखाकर उनका शोषण किया तथा देश को आतंकवाद में धकेला।

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जिससे हजारों निर्दोशों की कीमती जानें बेवजह चली गई तथा पंजाब आर्थिक रूप से बुरी तरह पिछड़ गया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रयासों से बड़ी मुश्किल से हिंदू सिख भाईचारा स्थापित हुआ है तथा आज भारत का कोई नागरिक भी इस भाईचारे को खत्म होते देखना नहीं चाहता है और न ही आतंकवाद की पुनर्वृति चाहता है। श्री सूद ने कहा कि जितना देश हिंदुओं का है उतना ही सिख भाइयों का भी है। उन्होंने कहा है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को खालिस्तान से संबंध रखने वाले बयान सोच समझ कर देने चाहिए। श्री सूद ने कहा है कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि पूर्व मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल इस मामले को भविष्य में ऐसे विवादित बयान न हों को यकीनी बनाएंगे।

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