जम्मू-कश्मीर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। गलवान घाटी में सेनाओं को पीछे करने की कवायद के दौरान दोनों देशों की सेनाओं में खूनी संघर्ष की ताजा खबर मिली है । सेना के मुताबिक, हिंसक संघर्ष में भारत ने एक अधिकारी और दो जवान खो दिए हैं। चीन की तरफ कितना नुकसान हुआ है, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
इस बड़े घटनाक्रम के बाद, दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मुलाकात कर हालात संभालने की कोशिश में लगे हुए हैं। खबर लिखे जाने तक खूनी संघर्ष में बहरहाल गोली चलने की जानकारी नहीं मिल है लेकिन अंधाधुंध पत्थराव खूब चला और चीन भूमि विवाद की आड़ में पिछले दो माह से लगातार धक्का मुक्की कर अपना हक जमाता आ रहा है और सोमवार-मंगलवार की मध्यरात्रि में यह तगड़ा आक्रोश खूनी संघर्ष में बदल गया बता दें कि 1975 के बाद यह पहली घटना है जब जवान शहीद हुए हैं।
1975 के बाद पहली बार जवान शहीद, पत्थर चले अंधाधुंध गोली चलने की जानकारी नहीं, रक्षा मंत्री ने बुलाई सेना प्रमुखों की मीटिंग, चीन ने भारत पर ही मढ़ा आरोप, चीन से बदला लेने की मांग
भारत और चीन के बीच सीमा पर आखिरी गोली 70 के दशक में चली थी। जैसी खबरें आ रही हैं, उसके मुताबिक गलवान घाटी में इस बार भी फायरिंग नहीं हुई है। गलवान घाटी उन पॉइंट्स में है जहां चीन की सेना ने घुसपैठ की थी। दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद, चीनी सेना कुछ पॉइंट्स से वापस हटने लगी थी। मगर इस घटना के बाद, सीमा पर तनाव और बढऩे की आशंका है।
मई के शुरुआती दिनों में चीनी सैनिकों ने एल.ए.सी. पर आक्रामक रुख अपनाना शुरू किया। पूर्वी लद्दाख में चार जगहों पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पी.एल.ए) ने घुसपैठ की। बड़ी संख्या में चीनी सैनिक आर्टिलरी और बख्तरबंद गाड़यिों के साथ रु्रष्ट के पास मौजूद हैं। गलवान घाटी और पैंगोंग झील, दो मुख्य पॉइंट हैं जहां दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं।
तमाम बातचीत के बाद भी चीन के सैनिक गलवान घाटी से हटने को तैयार नहीं थे। भारतीय सैनिक चीनी जवानों को बीती रात पीछे धकेल रहे थे। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच खूनी झड़प हो गई। जिसमें भारत के तीन जवान शहीद हो गए हैं।
गलवान घाटी में घुसपैठ को खत्म करने के लिए कई स्तर पर बातचीत चल रही है। यहां पर चीन की मौजूदगी दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड के लिए खतरा है। यह रोड काराकोरम पास के नजदीक तैनात जवानों तक सप्लाई पहुंचाने के लिए बेहद अहम है। पैंगोंग झील का मसला और पेचीदा है। यहां पर चीन ने फिंगर 8 से 4 के बीच 50 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा भूमि पर कब्जा कर रखा है। चीन ने फिंगर 4 के बेस के पास कैंप लगाए हैं। इसके आगे भारत की पैट्रोलिंग टीम को नहीं जाने दिया जा रहा जबकि फिंगर 8 तक भारत का इलाका है। चीन फिंगर 4 तक ही भारत की सीमा मानता है।
बता दें कि इस घटना को लेकर सुबह साढ़े सात बजे से बैठकों का दौर चल रहा है। वहीं इस घटना में जम्मू कश्मीर के लोगों ने चीन से बदला लेने की मांग की है