कुत्ता टैक्स पर रोने वाले भक्तों को केंद्र सरकार के नाजायज टैक्सों पर रोना क्यों नहीं आता: हरीश आनंद

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। एक तरफ मोदी भक्तों द्वारा जानवरों की टैगिंग किए जाने व रजिस्ट्रेशन करने संबंधी शोर मचाया जा रहा है ताकि किसने कौन सा जानवर रखा है इसके बारे में पता चल सके व उसे लावारिस छोडऩे वालों पर भी कार्यवाही हो सके। लेकिन दुख की बात है कि पंजाब सरकार द्वारा लगाए गए कुत्ता टैक्स को लेकर हाय तौबा मचाने वालों को केन्द्र सरकार द्वारा लगाए गए भारी भरकम टैक्स नजऱ क्यों नहीं आते। जिसके कारण देशवासियों का जीना दूभर बना हुआ है। यब बात कांग्रेसी नेता व समाज सेवक हरीश आनंद ने आज यहां जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि कुत्ता रखना लोगों की मजबूरी नहीं बल्कि शौक है और इस शौक को पूरा करने के लिए लोग हजारों-लाखों रुपये खर्च कर देते हैं। ऐसे में अगर सरकार ने मात्र 500 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस रख दी है तो इसमें इता हल्ला करने की बात समझ नहीं आती।

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उन्होंने कहा कि जो लोग कुत्ता रखते हैं वे उनके घर की रखवाली करता है तथा कुत्ते को सैर करवाने के बहाने लोग दूसरों के घरों व दुकानों के आगे गंदगी फैला जाते हैं। जिसके चलते दूसरे लोगों को कितनी परेशानी होती है इसके बारे में भी सोचना चाहिए। हरीश आनंद ने कहा कि जिस प्रकार विदेश में लोग कुत्ता घुमाने जाते समय हाथ में पालीथीन रखते हैं ताकि जहां कुत्ता गंदगी करे वे उसे उठाकर कचरा पेटी में डालें। इसी प्रकार यहां पर भी ऐसा नियम बनाया जाना चाहिए तथा इसका उलंघन करने वालों पर भी सख्त कार्यवाही का प्रावधान किया जाना समय की मांग है।

श्री आनंद ने कहा कि इतना ही नहीं जिन लोगों ने प्रतिबंद्धित नसल के कुत्ते घरों में रखे हैं, जैसे पिटबुल, पाकिस्तानी बुली आदि जैसे खतरनाक कुत्ते रखे हैं उन पर भी कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि दूसरों के लिए खतरा पैदा करने वालों को सबक मिल सके। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि कुत्ता रखने संबंधी नियमों को और सख्त बनाया जाए तथा वही कुत्ता रखने की आज्ञा दी जाए जो घर की रखवाली के लिए उपायुक्त हो व दूसरों के लिए खतरा न बने व न ही किसी की जान जाए।

पिटबुल व पाकिस्तानी बुली जैसे खतरनाक कुत्तों द्वारा काटे जाने से कई लोग जान से हाथ धो बैठे हैं, बावजूद इसके ऐसे कुत्ते रखने के शौकीन बाज नहीं आ रहे। इसलिए सरकार को मोदी भक्तों की बातों पर ध्यान न देकर कुत्ता रखने संबंधी नियमों को और सख्त बनाना चाहिए व इसकी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य बनाने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए।

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