पूर्व प्रिंसिपल परविंदर सिंह की तरफ से दिखाई क्लीन चिट, शक के घेरे में

होशियारपुर/माहिलपुर(द स्टैलर न्यूज़)। खालसा कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल परविंदर सिंह को मिली क्लीन चिट को चुनौती देते हुए अवतार सिंह बेदी ने आज महिलपुर में एक प्रेस मीट को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि प्रिंसिपल परविंदर सिंह का मामला अभी भी जांच कर रही समिति के पास लंबित है जबकि एक अन्य दो सदस्यीय समिति दी गई क्लीन चिट दिखाते हुए ने प्रिंसिपल को संदेह के घेरे में लाता है। दूसरी ओर, पंजाब यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर और इस संबंध में जांच समिति के सदस्यों द्वारा दिए गए बयान भी आपस में मेल नहीं खाते।

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-मामला उप राष्ट्रपति के कार्यालय में विचाराधीन हैं: बेदी

माहिलपुर में पत्रकारों को शिकायतों की कापियां व उपराष्ट्रपति कार्यालय से प्राप्त पत्रों की कापियां दिखाते हुए अवतार सिंह बेदी ने कहा कि उनकी शिकायतों पर पत्र 13 सितंबर 2019, 29 अप्रैल 2020 और 30 मई 2020 को उपराष्ट्रपति को प्राप्त हुए हैं उनसे साफ़ पता चलता है कि मामला अभी विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि पहली शिकायत के बाद, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ ने इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था जो मामले की जांच कर रही थी।

हालांकि, विश्वविद्यालय के उप कुलपति ने बिना किसी पूर्व सूचना के और पहली जांच समिति को भंग किए बिना, एक और दो सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसने 13 मार्च को प्रो.सुखवीर कौर के हस्ताक्षर के तहत प्रिंसिपल परविंदर सिंह को क्लीन चिट दे दी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जारी पत्र 8 जून को प्रिंसिपल परविंदर सिंह को सौंपा गया था, पर आदेशों पर किसी भी रजिस्ट्रार या उप कुलपति द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए गए थे। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के नियमों का उल्लंघन करके, परविंदर सिंह को क्लीन चिट दी गई, जो यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार पूरी तरह से गलत है क्योकि एक कमेटी के होते हुए दूसरी कमेटी का ऐसा करना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि परविंदर सिंह झूठ बोल रहे हैं जबकि उन्हें उपराष्ट्रपति कार्यालय से क्लीन चिट मिलनीथी और पूछताछ अभी भी वहीं चल रही थी।

उन्होंने कहा कि परविंदर सिंह अदालत के मामलों की धमकी देकर उन्हें चुप नहीं करा सकते। जब पत्रकारों ने जांच कमेटी की मुखी और ज़ूलोगी की प्रभारी प्रो. सुखवीर कौर से बात की उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे उन्हें कुछ भी नहीं पता वे फाइल को देखकर ही कुछ कह सकते हैं। उन्होंने पत्रकारों के सवालों से बचने की कोशिश की। इस मामले में जब पंजाब यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर प्रो राज कुमार से बात की वह भी क्लीन चिट के बारे कोई शपष्ट जवाब न दे सके उन्होंने कहा कि आप शिकायत मेल कर दो , इसका जवाब मेल से ही आपको भेज दिया जायेगा

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