पार्टी के लिए तन्मयता से काम करना मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि: खन्ना

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। जिला भाजपा द्वारा जिलाध्यक्ष निपुण शर्मा की अध्यक्षता में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर जिला भाजपा कार्यलय में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धासुमन अर्पण करने के उपरांत अविनाश राय खन्ना ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनसंघ के संस्थापक और हमारे पथ प्रदर्शक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपने जीवन में जो कार्य किए वो उस समय की सोच से बहुत आगे की थी। उनके प्रयासों से ही आज पश्चिम बंगाल और कश्मीर भारत के अभिन्न अंग हैं। देश डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को सदैव स्मरण करता रहेगा।

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श्री खन्ना ने बताया कि संसद में अपने भाषण में मुखर्जी ने धारा-370 को समाप्त करने की भी जोरदार वकालत की थी। अगस्त 1952 में जम्मू की विशाल रैली में उन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त करवाऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना जीवन बलिदान कर दूंगा। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने बताया कि 23 जून के उसी बलिदान दिवस को भारतीय जनसंघ और अब भाजपा पुण्यतिथि के रूप में मनाती है। भारतीय जनसंघ से लेकर भाजपा के प्रत्येक घोषणा पत्र में अपने बलिदानी नेता डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के इस घोष वाक्य को कि ‘हम संविधान की अस्थायी धारा 370 को समाप्त करेंगे’, सदैव लिखा जाता रहा। लेकिन देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने धारा 370 खत्म करके उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है, जोकि पूरे देशवासियों के लिए गौरव और हर्ष का विषय है।

-भाजपा कार्यकर्ताओं ने जनसंघ संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को दी श्रद्धांजलि

इस मौके पर पूर्व मेयर शिव सूद ने कहा कि डा. मुखर्जी का छात्र जीवन से ही अटल विश्वास था कि अध्यात्म तथा विज्ञान से युक्त शिक्षा के द्वारा ही भारत ‘जगत गुरु’ के रूप में निरन्तर विश्व में आगे बढ़ सकता है। डा. श्यामा प्रसाद जी के जीवन की विशेषता यह है कि उनमें अध्यात्मवाद, सहनशीलता, मानवीय गुणों, वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं गहरी समझ के साथ सुन्दर समन्वय हो गया था। यह विशेषता शिक्षाविद् और संसदविद् के रूप में उनके पूरे जीवन में परिलक्षित होती रही।

मानव मात्र की सेवा को ही वह ईश्वर की सच्ची पूजा मानते थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलकर देश की एकता और अखंडता के लिए काम करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। इस मौके पर आर.पी धीर, सुरेश भाटिया, विजय सूद, कृष्ण अरोड़ा, सतीश बावा, सुधीर शर्मा, डा. बिंदुसार शुक्ला, कुलवंत कौर, मीनू सेठी, रणजीत सिंह राणा, जिन्दू सैनी, चिंटू हंस, अखिल सूद, विपुल वालिया, मुखीराम, शरद सूद, डा. प्रवीण कुमार आदि उपस्थित थे।

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