श्रावण माह में सूना रहेगा चिंतपूर्णी मार्ग, न लगेंगे लंगर, न संतनगरी वासी कर पाएंगे श्रद्धालुओं की सेवा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: संदीप वर्मा। श्रावण मास का शुभारंभ हो गया है और इस माह दौरान प्रत्येक वर्ष मां चिंतपूर्णी जी के मंदिर में मेला आयोजित होता है जिसमें देश के विभिन्न कौनों से लाखों की संख्या में श्रद्धालुगण नतमस्तक होने आते हैं वहीं, जिला होशियारपुर से भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु माथा टेकने जाते हैं। ऐसे मौके पर प्रत्येक साल दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए स्थान-स्थान पर लंगर लगाए जाते हैं। जिससे व्यापारियों को अपने सामान की लागत की उम्मीद होती है तथा अच्छा व्यापार चलाने का मौका मिलता है। लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण स्थिति को देखते हुए सरकार के आदेशों का पालन करते हुए हिमाचल सरकार एवं प्रशासन ने फिलहाल मंदिरों को न खोलने का निर्णय लिया है। जिससे डेकोरेशन, क्रोकरी, डी.जे आदि अन्य काम करने वाले व्यवसायियों की उम्मीद टूट गई है।

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इस संबंधी होशियारपुर स्थित डिस्पोजेवल क्रोकरी का काम करने वाले दिनेश गुप्ता से बात की गई जिन्होंने बताया कि इस बार कोरोना महामारी के चलते माता के मेले रद्द होने से हम सभी के व्यवसाय पर असर पड़ा है। इसके साथ-साथ टैंट, हलवाई, डीजे, पत्तल-डुने, करियाना, जागरण पार्टी, आदि को भी भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।

पिछले कई सालों से चौहाल में पानी की टंकी के पास चिंतपूर्णी सेवा दल बहादुरपुर द्वारा तथा माता चिंतपूर्णी जी के भवन तक बहुत सारे लंगर लगाए जाते थे जोकि इस वर्ष महामारी के कारण संभव नहीं हो पाएगा। इन नवरात्रों के चलते हजारों श्रद्धालुओं ने मां से मन्नत मांगी होती है जिसे पूरा करने के लिए श्रद्धालु उत्साह से जाते हैं। लेकिन इस वर्ष मां के दश4न न होने के कारण श्रद्धालुओं में भी काफी निराशा है। भक्तों ने भगवान से प्रार्थना करते हुए कहा कि कोविड-19 दौरान पैदा हुए हालात जल्द सामान्य हो जाएं ताकि इस उपरांत भक्त धूमधाम से मां के दरबार में हाजिरी लगवा सकें।

इसी के तहत होशियारपुर के बीरबल नगर ऊना रोड निवासी कशिश कृष्ण बग्गा ने कहा कि वह हर साल मां के दरबार में जाकर कंजक पूजन करते हैं, लेकिन इस वर्ष हालातों को देखते हुए नहीं जा पाएंगे। हालांकि धीरे-धीरे प्रशासन द्वारा धार्मिक स्थानों का खोलने के लिए आज्ञा दे दी गई है, लेकिन हिमाचल में अभी मां चिंतपूर्णी का दरबार बंद है। इस कारण मां के नाम का जयकारा लगाकर घर पर ही कंजक पूजन करेंगे।

वहीं, होशियारपुर के प्रसिद्ध समाजसेवी विशाल वर्मा ने कहा कि धार्मिक स्थानों से सबकी आस्था जुड़ी होती है तथा वह माता चिन्तपूर्णी के दरबार में बचपन से ही पैदल चलकर जा रहे है। इस बार घर के नजदीक स्थित मां चिंतपूर्णी मंदिर में जाकर माता रानी के दर्शन करेंगे।

शहरवासियों से बातचीत मौके पर होशियारपुर के प्रसिद्ध समाजसेवी पवन शर्मा ने बताया कि श्रावण माह में माता चिंतपूर्णी जी के मेलों में 16 साल की उम्र से लगातार जा रहे हैं। लेकिन जो इस बार कोरोना की वजह से धार्मिक स्थानों की यात्रा से लेकर मेले रद्द कर दिए गए हैं, इस वजह से मन उदास है।

होशियारपुर निवासी सरला ने बताया कि वह पति के साथ पिछले 13 साल से माता चिंतपूर्णी के मंदिर में पैदल दर्शनों के लिए जाती हैं। कई बार बरसात होती है तो कई बार बहुत गर्मी लेकिन माता रानी हमेशा उन्हें दरबार तक सकुशल पहुंचाने में मदद करती हैं। इस बार नहीं जा पाएंगे, लेकिन माता रानी की घर में ही पूजा करेंगे।

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