पंजाब निवासियों का ‘अपना घर’ बनाने का सपना होगा पूरा: सरकारिया

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य में कम और मध्यम आय वाले परिवारों को वाजिब कीमतों पर आवास उपलब्ध कराने के लिए पंजाब आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग ने ‘किफ़ायती कॉलोनी नीति’ को नोटीफाई कर दिया है। यह नीति प्रमोटरों को छोटे साईज़ के रिहायशी प्लॉट और फ़लैट बनाने के लिए उत्साहित करेगी, जिससे समाज के कम आय वर्ग वाले लोगों को किफ़ायती कीमतों पर प्लॉट और आवास मुहैया करवाए जा सकें। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के निवासियों, ख़ासकर आर्थिक तौर पर कमज़ोर वर्ग की रिहायशी ज़रूरतों की पूर्ति के लिए वचनबद्ध है, जिस कारण सरकार ने एक किफ़ायती कॉलोनी नीति तैयार की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट के मद्देनजऱ इस समय कम और मध्यम आय वाले परिवारों को किफ़ायती कीमतों पर घर मुहैया करवाने की बहुत ज़रूरत भी है।

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‘किफ़ायती कॉलोनी नीति’ के साथ कम और मध्यवर्ती आय वाले परिवार भी बना सकेंगे खुद का घर, पंजाब सरकार के आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग द्वारा नई नीति नोटीफाई

जि़क्रयोग्य है कि किफ़ायती कॉलोनी नीति आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग द्वारा विकसित या प्रामाणित सभी क्षेत्रों और मास्टर प्लानों में रिहायशी और मिक्स्ड लैंड यूज़ ज़ोनों पर लागू होगी। इसके साथ ही मास्टर प्लान से बाहर स्थित म्युंसीपल की सीमा के अधीन 3 किलोमीटर के क्षेत्र तक भी लागू होगी। किफ़ायती कॉलोनी नीति में रखी अलग-अलग शर्तों संबंधी बताते हुए आवास निर्माण मंत्री ने कहा कि प्लॉट/मिक्स्ड प्लॉट कॉलोनी के लिए कम से कम 5 एकड़ की ज़रूरत है, जबकि ग्रुप हाउसिंग के विकास के लिए सिफऱ् 2 एकड़ क्षेत्रफल की ज़रूरत है। एस.ए.एस. नगर मास्टर प्लान के अधीन क्षेत्रों के लिए कम से कम 25 एकड़ (प्लॉट/मिक्स्ड प्लॉट) और 10 एकड़ (ग्रुप हाउसिंग) जबकि न्यू चंडीगढ़ मास्टर प्लान के लिए यही शर्त कम से कम 100 एकड़ और 5 एकड़ है।

उन्होंने कहा कि किफ़ायती कॉलोनी में रहने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने ऐसे प्रोजैक्ट स्थापित करने में रूचि रखने वाले प्रमोटरों के लिए कई लोकपक्ष्ीाय शर्तें रखी हैं। किफ़ायती मकानों के निर्माण के लिए प्लॉट का अधिक से अधिक साईज़ 150 वर्ग गज रखा गया है, जबकि आर्थिक पक्ष से कमज़ोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए यह साईज़ 100 वर्ग गज होगा। निवासियों की अन्य ज़रूरतों को पूरा करने के लिए डवैल्पर को प्रोजैक्ट में पार्कों के लिए अपेक्षित व्यवस्था करने की ज़रूरत होगी और एक कम्युनिटी सैंटर और व्यापारिक क्षेत्र भी आरक्षित रखा जाएगा।

किफायती कॉलोनी नीति के अंतर्गत की गई पेशकशें

स्वैच्छा से किफ़ायती कॉलोनी स्थापित करने वाले डवैल्परों के लिए नीति में कई ख़ास पेशकशें की गई हैं। जैसे कि डवैल्पर पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रैगूलेशन एक्ट-1995 की पाबंदियों के बिना ईडब्ल्यूएस इकाईयों को बेच सकेंगे। इससे पहले कॉलोनी स्थापित करने वाले डवैलपर को ईडब्ल्यूएस मकान / प्लॉट बेचने के लिए सम्बन्धित स्पैशल डवैल्पमैंट अथॉरिटी को सौंपने पड़ते थे। आम तौर पर किसी कॉलोनी के मामले में मनज़ूरशुदा बिक्री योग्य क्षेत्र 55 प्रतिशत होता है, जबकि एक किफ़ायती कॉलोनी के डवैलपर के लिए यह दर 60 प्रतिशत रखी गई है।

यदि कॉलोनाईजऱ ग्रुप हाउसिंग का विकास करना चाहता है तो अधिक से अधिक ज़मीनी कवरेज साइट क्षेत्र का 35 प्रतिशत और अधिक से अधिक फ्लोर एरिया दर (एफ.ए.आर.) साइट क्षेत्र का 1:3होगा। डवैलपर को रिहायशी फ्लैटों की कुल संख्या का 10 प्रतिशत हिस्सा ईडब्ल्यूएस के लिए बिक्री के लिए आरक्षित रखना लाजि़मी होगा। इन कॉलोनियों के लिए प्रति व्यक्ति घनत्व का कोई नियम लागू नहीं होगा। इस नीति को प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए इन कॉलोनियों के लाइसेंस देने के लिए डायरैक्टोरेट ऑफ टाऊन एंड कंट्री प्लैनिंग (डीटीसीपी) को समर्थ अथॉरिटी का अधिकार दिया गया है।

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