बाजवा व दूलो के खिलाफ एकजुट हुई पंजाब की कैबिनेट, पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की मांग की

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चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ की तरफ से पार्टी के संसद सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलों के खिलाफ सख्त करवाई करने की गई मांग के दो दिन बाद पंजाब की समूची कैबिनेट ने इन दोनों नेताओं की पार्टी और सरकार विरोधी गतिविधियों को घोर अनुशासनहीनता बताते हुये पार्टी में से बाहर का रास्ता दिखाने की माँग की है।

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नकली शराब के दुखांत पर राज्य में अपनी पार्टी की सरकार पर हमला बोलने के लिए बाजवा और दूलो को बरख़ास्त करने की माँग करते हुये कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि दोनों राज्य सभा सदस्यों की कार्यवाहियों के लिए पार्टी हाई कमान को तुरंत और सख़्त कदम उठाना चाहिए। मंत्रियों ने साझा बयान जारी करते हुये बिना किसी ढील और देरी किये दोनों मंत्रियों पर तुरंत कार्यवाही को अंजाम देने के लिए कार्यवाही की माँग की। इन संसद सदस्यों की तरफ से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह समेत राज्य सरकार पर बार -बार हमले करने का जि़क्र करते हुये उन्होंने कहा कि जब राज्य में विधान सभा चुनाव का समय दो साल से भी कम रहता हो तो ऐसे समय अनुशासनहीनता को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जा सकता। इन दोनों नेताओं की तरफ से नकली शराब की त्रासदी पर चिंताएं ज़ाहिर करने के फ़ैसले पर सवाल उठाते हुये मंत्रियों ने कहा कि दोनों संसद सदस्यों ने अपने राज्य सभा के समय के दौरान कभी भी पंजाब के हितों का मसला नहीं उठाया जबकि वह नुमायंदगी राज्य की करते हैं।

मंत्रियों ने कहा कि दोनों ने केंद्र सरकार के किसान विरोधी आर्डीनैंस के खि़लाफ़ संसद में आवाज़ क्यों नहीं उठाई? उन्होंने कहा कि बेअदबी मामलों की जांच में सी.बी.आई की नाकामी पर दोनों ने चुप्पी क्यों नहीं तोड़ी? कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि नकली शराब की घटना के साथ निपटने में सरकार के विरुद्ध रोष ज़ाहिर करने के लिए पार्टी और सरकार के मंच को दरकिनार करने और इस मामले की सी.बी.आई और ई.डी से जांच करवाने के लिए राज्यपाल तक पहुँच करके दोनों संसद सदस्यों ने न सिफऱ् लोकतांत्रिक शासन की बुनियाद को चोट पहुंचाई है बल्कि पुलिस फोर्स के मान को चोट पहुंचाने की कोशिश की जबकि राज्य की पुलिस कोविड की महामारी के दबाव के बावजूद शराब माफीए पर शिकंजा कस रही है। मंत्रियों ने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली और संस्थायों के काम करने का ढंग नहीं है। उन्होंने कहा कि सी.बी.आई जांच की ज़रूरत तभी पड़ती है,

यदि पुलिस नतीजे देने में नाकाम रह जाये जबकि इस समय पर ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि बेअदबी मामलों की जांच में सी.बी.आई. की योग्यता की कमी समूचे पंजाब ने देखी है और अब आखिर में यह मामला राज्य की पुलिस हल करने में लगी हुई है। मंत्रियों ने कहा कि यहाँ तक कि सुनियोजित किये कत्ल को भी सी.बी.आई. ने नहीं बल्कि राज्य की पुलिस ने सुलझाया हैं। उन्होंने नकली शराब केस में हर दोषी को कानून के कटघरे में खड़ा करने के लिए पंजाब पुलिस की योग्यता में भरोसा ज़ाहिर किया। मंत्रियों ने कहा कि और तो और, सी.बी.आई. जांच की सिफ़ारिश करने या न करने का फ़ैसला भी राज्य सरकार ने लेना न कि इन दोनों संसद सदस्यों ने, जो संसद में पंजाब के हितों के लिए आवाज़ उठाने के भी योग्य नहीं हैं। संसद मैंबर के तौर पर अपने फज़ऱ् निभाने की बजाय बाजवा और दूलो अपनी सरकार को अस्थिर करने की ताक में हैं जो या तो सत्ता की लालसा की भूख मिटाने के लिए ऐसा करते हैं या फिर उन लोगों की शह से ऐसा कर रहे हैं जो पंजाब में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं।

मंत्रियों ने ज़ोर देकर कहा कि इन दोनों नेताओं ने अपने आप को निकम्मा बना लिया है और इनकी पार्टी में कोई अहमियत नहीं है और इनको बिना किसी देरी के पार्टी में से निकाल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे भी मन्दभागी और अस्वीकार्य बात है कि अपने व्यवहार के प्रति दूर -दूर तक भी यह दोनों नेता शर्मिंदा नहीं हैं और इन्होंने पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ के खि़लाफ़ निजी शाब्दिक हमले शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी संसद मैंबर कैसे अपनी ही पार्टी के प्रदेश प्रधान के खि़लाफ़ ऐसी भद्दी शब्दावली इस्तेमाल कर सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की मज़बूत लीडरशिप मौजूद है और राज्य में पार्टी के मान को चोट पहुंचाने वाले ऐसे दो अनुशासनहीन सदस्यों की कोई भी ज़रूरत नहीं है।

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