मुख्यमंत्री ने नकली शराब मामले में डी.जी.पी. को भद्दे ढंग से निशाना बनाने के लिए मजीठिया की कड़ी आलोचना की

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरूवार को अकालियों को पंजाब पुलिस के वरिष्ठ और उच्च पेशेवर पहुँच रखने वाले अफ़सर पर लक्षित हमला करने के लिए आड़े हाथों लिया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि बदकिस्मती से घटी नकली शराब की घटना का लाभ उठाने के लिए अकालियों द्वारा राज्य में आगामी विधान सभा चुनाव को देखते हुए अपने राजसी हितों के लिए एक और शर्मनाक कोशिश की गई है। मुख्यमंत्री अकाली नेता बिक्रम मजीठिया द्वारा डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता पर एस.एस.पी. अमृतसर (ग्रामीण) को बचाने के दोष लगाने सम्बन्धी दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें अकाली नेता ने एस.एस.पी. पर दोष लगाते हुए कहा गया था कि शराब माफिया के खि़लाफ़ की गई शिकायत पर कार्यवाही करने में नाकाम रहने के कारण ही यह दुखांत घटा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे अफ़सर के ‘बचाव’ में आने की ज़रूरत ही नहीं होती, जिसका नशों / नाजायज़ शराब तस्करों / कारोबारियों के खि़लाफ़ कार्यवाही समेत अपना ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग़ हो। उन्होंने कहा कि एस.एस.पी. ध्रुव दहिया तो उनकी निजी सुरक्षा टीम में रहे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘माफिया के साथ सम्बन्ध रखने वाला व्यक्ति जैसे कि शिरोमणि अकाली ने कहा था, मेरी सुरक्षा के भरोसे के काबिल हो सकता है।’’ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि सभी एस.एस.पी. और डी.सी. उनकी तरफ से सीधे तौर पर नियुक्त किए जाते हैं, जिसके लिए किसी भी मामलो में उनके खि़लाफ़ कार्यवाही के लिए डी.जी.पी. या मुख्य सचिव को जि़म्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि मजीठिया जैसे झूठे दावे कर रहा है, किसी भी नागरिक द्वारा नकली शराब के निर्माण सम्बन्धी कोई शिकायत नहीं मिली थी। अकाली नेता द्वारा लगाए गए दोषों को रद्द करते हुए उन्होंने कहा कि एस.एस.पी. को नाजायज़ शराब के निर्माण या वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबरों सम्बन्धी कोई जानकारी नहीं थी, जैसे मजीठिया द्वारा दोष लगाए जा रहे हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा यदि एस.एस.पी. द्वारा शराब तस्करों को बचाने का कोई संदेह भी होता तो वह सबसे पहले उस अफ़सर के खि़लाफ़ कार्यवाही करते, जैसे कि उन्होंने इस दुखांत घटने के बाद पाँच अधिकारियों के खि़लाफ़ तुरंत कार्यवाही की थी।

अकाली दल द्वारा अपने संकुचित राजनैतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए इस दुखांत का लगातार लाभ उठाने की जा रही कोशिशों पर हैरानी ज़ाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इससे पता लगता है कि लोगों के साथ जुडऩे के लिए निराशा में डूबी पार्टी किस हद तक निचे गिर सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उक्त एस.एस.पी. के निगरानी अधीन अमृतसर पुलिस ने नकली शराब की सप्लाई चेन का पर्दाफाश किया, जिसकी श्रृंखला लुधियाना से शुरू होकर बरास्ता मोगा से तरन तारन, अमृतसर (ग्रामीण) और बटाला तक जुड़ी हुई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एस.एस.पी. तरन तारन के तौर पर अपने एक साल के कार्यकाल के दौरान दहिया के नेतृत्व में शराब की बड़ी खेप बरामद की गई, जिसमें 1,09,21,757 मिलिलीटर नाजायज़ शराब, 51060 किलो लाहन, 21,60,390 अंग्रेज़ी शराब और 36 चालू भट्टियाँ शामिल थीं। इसी अधिकारी ने नशों के खि़लाफ़ भी बड़ी कार्यवाही की, जिसकी तरफ से एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत 601 केस दर्ज करते हुए 76.095 किलो हेरोइन पकड़ी गई और 772 गिरफ़्तारियाँ की गईं। ‘ऑपरेशन रेड रोज़’ के अंतर्गत तरन तारन पुलिस ने दहिया के नेतृत्व अधीन रोज़ाना नाजायज़ शराब पकड़ी जा रही है, जिसकी राज्य में सबसे अधिक मात्रा है। इसके अलावा उसके नेतृत्व अधीन आतंकवादियों, नशा-आतंकवाद और गैंगस्टरों आदि के खि़लाफ़ भी बड़ी कार्यवाही की गई। दहिया की शराब माफिया, तस्करों के खि़लाफ़ कार्यवाही उसकी 31 जुलाई, 2020 को अमृतसर हुए तबादले के बाद अब तक जारी है। उसके नेतृत्व में आबकारी अधिनियम के अंतर्गत 269 केस दर्ज किये गए और 3050.070 लीटर नाजायज़ शराब, 10735 किलो वाहन, 11 चालू भट्टियाँ और 655.5 लीटर अल्कोहल बरामद की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे छोटे स्तर पर नाजायज़ शराब का कारोबार कई सालों से चल रहा था और डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता के नेतृत्व में पंजाब पुलिस ने पिछले कुछ महीनों से विभिन्न स्थानों पर कार्यवाही करते हुए कई गिरोहों का पर्दाफाश किया, क्योंकि कोविड के चलते शराब उपलब्ध न होने के कारण इसकी माँग बहुत अधिक बढ़ गई थी। इनमें से कुछ नशा-तस्करों ने मौके का फ़ायदा उठाते हुए कई किस्म के रसायनों को मिलाकर नकली शराब बनानी शुरू कर दी, जिसके कारण यह दुखांत घटा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाऊन के दरमियान भी पंजाब पुलिस ने नाजायज़ शराब की तस्करी के कारोबार के खि़लाफ़ कार्यवाही जारी रखी। इस कार्यवाही के दौरान 17 मई, 2020 से 12 अगस्त, 2020 तक 8467 केस दर्ज करते हुए 6864 गिरफ़्तारियाँ की गईं। 1,04,994 लीटर नाजायज़ शराब, 1,81,640 लीटर शराब और 16,21,258 किलो लाहन पकड़ी गई। इसके अलावा 12,365 लीटर विस्की, 199 लीटर रम, 1110 लीटर बीयर के साथ 12,025 लीटर स्पीरिट और 375 चालू भट्टियां ज़ब्त की। इस साल जनवरी महीने से इस सम्बन्ध में 11,708 केस दर्ज किए गए हैं और 10,639 गिरफ़्तारियाँ की गईं।

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