ठीकरी पहरे दौरान पकड़े लोगों को छोडऩे पर भडक़े गांव निवासी, मामला बिगड़ता देख थानेदार ने दिया जांच का भरोसा

हरियाना (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: प्रीति पराशर। गांव निवासियों द्वारा ठीकरी पहरा लगाकर पकड़े आशंकित लोगों को थाना हरियाना पुलिस द्वारा जांच में गांव निवासियों को शामिल किए बिना छोड़े जाने से गुस्साए गांव निवासियों ने आज पुलिस के खिलाफ रोष व्यक्त किया। इस दौरान मामला उस समय और गर्मा गया जब थानेदार साहिब ने पकड़े गए लोगों संबंधी पूरी पड़ताल करने की मांग कर रहे गांव निवासियों पर ही मामला दर्ज करने की बात कह दी गई और थानेदार साहिब ने अपनी वर्दी का रौब दिखाते हुए और भी बहुत कुछ कह दिया। जिस पर गांव निवासी भडक़ उठे और उन्होंने थाने के बाहर नारेबाजी शुरु करते हुए पुलिस पर कथित मिलीभगत करने के आरोप लगाए।

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मामला बिगड़ता देख थानेदार साहिब को पसीने आने लगे और फिर उनके सुर भी बदले-बदले से नजऱ आए। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग गांवों से पहुंचे लोगों को आश्वस्त किया कि वे इस संबंधी पूरी जांच करेंगे तथा पकड़ कर छोड़े गए दोनों लोगों को बुलाया जाएगा तथा उनके साथ और कौन लोग थे संबंधी भी जानकारी जुटाई जाएगी। इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ और उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी कि अगर मामले को हलके में लिया गया तो वे अनिश्चितकालीन के लिए धरने पर बैठ जाएंगे। उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों से भी अपील की कि वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी को सख्त निर्देश जारी करें। क्योंकि, पिछले कई दिनों से इलाके में भैंस चोरी के अलावा अन्य कई अपराधिक घटनाओं ने लोगों की नींद हराम कर रखी है तथा पुलिस का रवैया भी ठीक नहीं है। जिसके चलते लोगों में काफी रोष है।

जानकारी देते हुए मौके पर मौजूद गांव टैंटपाल के सरपंच जगतार सिंह, पंच जसपाल सिंह, नंबरदार बख्शीश सिंह, गांव चक्कलादियां के सरपंच गुरप्रीत सिंह, गांव गज्जां के सरपंच मास्टर कुलदीप सिंह, पंच बहादुर सिंह, एरएसएस स्पीकर जसविंदर राणा के अलावा अन्य गणमान्य लोगों ने बताया कि 14 अगस्त को भूंगा पुलिस ने गांव टैंटपाल में लिखित रुप से सरपंच को कहा था कि ठीकरी पहरा लगाया जाए। जिस पर गांव के युवक ठीकरी पहरे के लिए डट गए। देर रात को गांव के बाहरी तरफ एक इंडिगो कार चक्कर लगाती हुई दिखी। पहले तो युवकों ने सोचा कोई राहगीर होगा और उसकी तरफ उन्होंने ध्यान नहीं दिया। लेकिन बार-बार गांव के बाहरी क्षेत्र के चक्कर लगा रही कार व उसमें सवारों पर उन्हें कुछ शक हुआ तथा उन्होंने कार का पीछा करना शुरु किया। थोड़ी देर बाद कार गांव के भीतर दाखिल हुई। युवकों ने कार को घेर लिया और पूछताछ शुरु की। इसी दौरान युवकों को देखकर कार में सवार दो लोग अपने चप्पलें कार में ही छोडक़र नंगे पांव भाग निकले। कार में सवार अन्य दो लोगों को उन्होंने काबू कर लिया। पकडऩे पर कार सवार कोई वाजिव जवाब नहीं दे पाए कि वे गांव में क्यों आए हैं।

गणमान्यों ने बताया कि युवकों द्वारा भाग निकले दो लोगों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वे उन्हें बुला लेंगे, पर वे नहीं आए। इस पर उन्होंने तुरंत पुलिस को इस संबंधी सूचना दी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें काबू किया और अपने साथ थाने ले गई। जबकि कार गांव में ही रही व उसकी चाबी सरपंच के पास दे दी। लोगों ने बताया कि अगले दिन थाना हरियाना पुलिस प्रभारी ने गांव निवासियों को बिना जांच में शामिल किए कार सवारों को छोड़ दिया और वे गांव में सरपंच के पास आए और कहने लगे कि थाना प्रभारी से बात कर लें व उनकी कार की चाबी दे दें। सरपंच ने जब थाना प्रभारी से बात की तो उन्होंने कार की चाबी देने को कहा व कहा कि उन्होंने जांच कर ली है। इतना सब होने के बाद गांव निवासियों में रोष की लहर दौड़ गई कि गांव निवासियों एवं पंचायत को बिना सूचना दिए थाना प्रभारी ने जांच कैसे पूरी कर ली, जबकि उनके दो साथी जो फरार हुए थे उनके बारे में पुलिस ने क्या जांच की। जिससे मामला कथित तौर पर मिलीभगत का है तथा पुलिस अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है।

लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से गांव टैंटपाल के साथ-साथ आसपास के गांवों में भैंस चोरी व घरों में चोरी की कई घटनाएं हो चुकी हैं तथा ऐसे में संदिग्धों को पकडक़र छोडऩा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है। लोगों ने कहा कि इस बारे में आज वे इकट्ठे होकर थाना प्रभारी से बात करने आए थे, लेकिन थाना प्रभारी ने उलटा उन्हें ही धमकाना शुरु कर दिया। जिस पर सभी भडक़ उठे और उन्होंने थाने से बाहर आकर रोष व्यक्त करना शुरु कर दिया। इस संबंधी जानकारी मिलते ही ब्लाक समिति चेयरमैन जसपाल सिंह पंडोरी ने मौके पर पहुंचकर लोगों की बात सुनी और पुलिस को मामले की जांच करने की बात कही। गांव निवासियों के गुस्से को भडक़ा हुआ देख थाना प्रभारी सुरजीत बांगड़ के सुर ही बदल गए और उन्होंने छोड़े गए लोगों को बुलाकर पुन: जांच का आश्वासन दिया व इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ।

 

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