जम्मू/ राजौरी (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: अनिल भारद्वाज। विभिन्न सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय सेना ने पीर पंजाल क्षेत्र (बांज) में एक समारोह आयोजित किया, जिसे राब्ता-ए-पीर पंजाल द्वारा जाना गया । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 19 वीं महामारी के बीच सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए पीर पंजाल क्षेत्र के प्रवासी गुज्जर और बकरवाल के साथ एक संपर्क और एक अच्छी बातचीत का निर्माण करना था। लगभग सभी प्रबासी परिवारों ने उस कार्यक्रम में भाग लिया कार्यक्रम के विभिन्न अंश थे, गुर्जर और बकरवाल के लोक गीत, जिनके द्वारा वे अपनी पारंपरिक संस्कृति, अपने जीवन यापन के तरीके को दिखाते हैं, गुर्जर और बकरवाल लोगों के गानों में भाग लेते हुए बहुत खुश थे, क्योंकि उनका कहना था कि पहली बार उनकी संस्कृति और उनकी परंपरा को दिखाने का प्रयास किया गया।
गुर्जर और बकरवाल ने आतंकवाद के दौरान अपने अनुभवों की पिछली कहानियों को भी सुनाया, आतंक और उस दौरान उन्हें विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा, उन्होंने कहा कि आतंकवाद के कारण वह अपने ढोक (माइग्रेटेड पैलेस) को छोडऩे की कगार पर थे, उन्होंने कहा कि अब वे भारतीय सेना की बदोलत शांति से रह रहे हैं।
परिवारों ने आतंकवाद के दौरान अपने अनुभवों की पिछली कहानियों को भी सुनाया
गुर्जर और बकरवालों के बच्चों को सेना ( 60 आर-आर नागा) द्वारा समुद्र तल से 13 हजार की ऊंचाई में स्टेशनरी किट वितरित किये गए और साथ चाकलेट भी । बच्चे किट प्राप्त करके बहुत खुश थे। और सेना के जवानों से यह भी वादा किया कि वे कड़ी मेहनत से पढ़ाई करेंगे और उनकी तरह भारतीय सेना में शामिल होंगे। भारतीय सेना ने स्वच्छता किट भी वितरित किए और उन्हें स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में उचित दिशा-निर्देश और जागरूकता प्रदान की। जानवरों और मवेशियों के लिए पशु चिकित्सा स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के समापन के बाद भारतीय सेना ने विभिन्न आवश्यक वस्तुओं को प्रदान करने के लिए घर घर जा के सेवाएं प्रदान कीं।
मीडियाकर्मी से बात करते समय कई परिवार भारतीय सेना (60 आर-आर नागा) के लिए अपना आभार प्रकट किया क्योंकि उनके विचार थे कि पहले वे आतंकवाद के कारण बहुत कठिन परिस्थितियों में रह रहे थे। अब भारतीय सेना उनकी रक्षा कर रही है और उन्हें हर वह सुविधा प्रदान कर रही है जो उनके अस्तित्व के लिए बहुत जरूरी है जैसे कि चिकित्सा सुविधाएं, शैक्षिक आवश्यक और भोजन की आवश्यकताएं। भारतीय सेना के व्यवहार से लोग बहुत खुश हैं । उन्होंने कहा कि वे जम्मू कश्मीर का नया चेहरा दिख रहे हैं। और अपनी सेना पर हमें गर्व है।