नई दिल्ली(द स्टैलर न्यूज़)। इंटेलिजैंस एजेंसियों द्वारा एक एलर्ट जारी किया गया था जिसके तहत सूचना मिली थी कि सिख फॉर जस्टिस ग्रुप ने 31 अगस्त को पंजाब बंद की मांग की है। खालिस्तान ग्रुप जिसे पिछले वर्ष गृह मंत्रालय द्वारा गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया था, जिनके द्वारा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बेअत सिंह के हत्यारे दिलावर सिंह की 25वीं पुष्यतिथि पर पंजाब बंद की मांग की है। कांग्रेसी नेता बेअंत सिंह 1992 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री थे, जोकि 31 अगस्त 1995 में चण्डीगढ़ में सिविल सचिवालय के बाहर एक कार बंब बलास्ट में दिलावर सिंह व 16 अन्यों के साथ मारे गए थे। दिलावर सिंह पंजाब पुलिस में तैनात थे।
एक हाईअलर्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में शांति बरकरार रखने के लिए पंजाब पुलिस की तरफ से प्रबंध मुकम्मल कए जा रहे हैं। एसएफजे के मुख्य संचालक गुरपतवंत पन्नु जोकि न्यूयार्क के अटार्नी, अमेरिका में पनाह लेने वालों के वकील के तौर पर काम करते हैं, को बंद का संदेश दिया। पन्नु ने इस संदेश में यह जिक्र किया कि शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने 2012 में बेअंत सिंह के हत्यारे दिलावर सिंह को राज्य का शहीद घोषित किया था। उन्होंने कहा कि एसएफजे 31 अगस्त को अकाल तख्त साहिब की अरदास में शामिल होने के इच्छुक सिखों को सेवा पेश करेंगे तथा बंद दौरान लाने व लेजाने का खर्च एसएफजे की तरफ से होगा।
उन्होंने पंजाब के लोगों से अपील करते हुए कहा कि केवल जरूरी कामकाज छोडक़र सभी कारोबार 31 अगस्त को बंद किए जाएं। 1992-95 दौरान पंजाब की स्थिति संबंधी एमनेस्टी इंटरनैशनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पन्नु ने कहा खालिस्तान कहलाने वाले राज्य में सिखफौज की स्थापना के लिए हिंसक मुहिम को दबाने के लिए पुलिस की तरफ से पंजाब में मानवीय अधिकारों की गंभीरता से उल्लंघना की गई है। उन्होंने दावा किया कि इन उल्लंघनाओं में कई गैरकानूनी हत्याओं, व्यापक, अज्ञात नजरबंद तथा हिरासत में मृत्यू आदि शामिल हैं। अमेरिका में स्थित एसएफजे भारतीय एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तान अपराधिक आतंकवाद संगठनों के साथ संबंधित है। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूनियन की कैबिनेट मीटिंग दौरान एसएफजे को गैरकानूनी संगठन घोषित किया था।