होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब सरकार वित्तीय फ्रंट पर पूरी तरह असमंजस की स्थिति में है। कोरोना काल में पंजाब सरकार के गरीब तथा मध्यम वर्गीय लोगों को कोई भी राहत नहीं दे पाई। इसलिए जनता का गुस्सा सरकार के खिलाफ स्पष्ट झलक रहा है। पंजाब में शराब तथा रेत माफिया के सक्रिय होने से सरकार के खजाने को भारी चोट पहुंची है, लगता है कि अकेले शराब माफिया द्वारा सरकार को 5600 करोड़ रुपए के लगाए गए चूने को पूरा करने के लिए सरकार कोरोना से पहले ही पिसे हुए लोगों की जेब में डाका डालने की कोशिश कर रही है।
भाजपा नेताओं पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद , जिला अध्यक्ष निपुण शर्मा, पूर्व मेयर शिव सूद, महामंत्री विनोद परमार, उपाध्यक्ष सुरेश भाटिया (बिट्टू), अश्वनी गैंद, जिंदु सैनी, मोहिंदर पाल ने पंजाब सरकार द्वारा लेबर क़्वार्टरों, हॉस्टल, पी.जी आदि पर प्रॉपर्टी टैक्स की दरें बढ़ाकर उसे कमर्शियल वर्ग में लाने की कड़ी निंदा करते हुए इसे शहरियों पर डाला गया नया बोझ बताया है । उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीति के अंतर्गत अकाली-भाजपा के समय हाउस टैक्स की जगह जब प्रॉपर्टी टैक्स लगाया गया था तो कांग्रेसियों ने बिना सोचे समझे उसका डटकर विरोध किया हालांकि प्रॉपर्टी टैक्स लगाने से शहरियों को भारी राहत मिली थी।
जिस वर्ग पर अब सरकार के आदेशों के अनुसार साढ़े सात प्रतिशत टैक्स लगाया जा रहा है, हाउस टैक्स युग में वह 9 प्रतिशत था जो कि अकाली-भाजपा सरकार ने 2013 में प्रॉपर्टी टैक्स शुरू करके महज 3 प्रतिशत कर दिया था व 2014 में इसे और घटा कर अपनी रिहायशी कैटागिरी में शामिल करके मामुली टैक्स कर दिया था। होशियारपुर के कांग्रेसी नेता आज लोगों को गुमराह करके सत्ता सुख भोग रहे हैं। उन्होंने नंगे होकर प्रदर्शन किए थे। कांग्रेस की सरकार को बने अब साढ़े तीन साल से अधिक समय हो गया है परन्तु वह खुद प्रॉपर्टी टैक्स खत्म नहीं कर पाये। अब जनता को गुमराह करके सत्ता में पहुंचे वही नेता प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाकर लोगों के कपड़े उतारने में लगे हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि कोरोना काल में ही पंजाब सरकार ने सीवरेज तथा पीने के पानी की दरों में बेतहाशा वृद्धि की है तथा बिजली की कीमतें भी आसमान को छूने लगी है।
उन्होंने कहा कि 3 दिन पहले ही सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं की कीमतों में दो से तीन गुणा वृद्धि की गई थी, जिस का सर्वत्र विरोध हुआ तथा सरकार को वह वृद्धि वापस लेनी पड़ी। भाजपा नेताओं ने कहा कि वह मध्यम वर्ग के लोगों पर डाले गए इस वित्तीय बोझ को कभी सहन नहीं करेंगे। इसे तुरंत वापस लिया जाए, वर्ना सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगा।