तलवाड़ा (द स्टैलर न्यूज़)। अपनत्ब एवं शुद्ध प्रेम की भावना को अपने भीतर से प्रकट करने हेतु आज तमाम सुहागिनों ने ‘करवा चौथ’ व्रत अवसर पर श्रद्धा एवं उत्साह की परंपराओं में अपनी पूरी दृढ़ता दिखाई। अपने ग्रस्त जीवन में चांद के समान पति की दीर्घायु, स्वस्थ एवं घर में सुख समृद्धि की कामना को लेकर सुहागिनों ने सारा दिन भूखी-प्यासी रहकर करवा चौथ का कठिन व्रत बड़ी श्रद्धा के साथ बनाती है। आज इस कठिन व्रत की शुरुआत सुहागिनों ने सुबह की पौ फूटने से पहले-पहले ही नींद से उठ कर पहले नहा कर फिर अपनी सांस-ससुर में मां-पिता के रूप को निहारते हुए उनके चरण स्पर्श करके की।
इस पश्चात सुहागिनों ने देवी-देवताओं की पूजा आदि की और फिर फेनियां, फल, दूध, जलेबीयां आदि का प्रसाद के रूप में सेवन किया, फिर सारा दिन बिना कुछ खाए पिए अपने पति रूपी साजन के प्रति शुद्ध प्रेम, त्याग व समर्पण भाव की दृढ़ता दिखाई। विवाह आयु योग्य हुई कुंवारी युवतियों ने भी यह व्रत अपनी इच्छा मुताबिक पति का रिश्ता मिलने की कामना लेकर रखा। सारा दिन भूखी-प्यासी रह कर यहां तक अपना थूक भी शरीर भीतर न करके ऐसी व्रती महिलाओं ने सारा दिन भक्ति संकीर्तन करके और कईयों ने तो थोड़ा समय अपने को नई नवेली दुल्हन की तरह सजी संवरी दिखने को लेकर ब्यूटी पार्लरों के मालिकों को कोरोना संकट से मिली गऱीबी को दूर कर देने के लिए भी निकाला।
इस करवा चौथ के व्रत का नजारा ही कुछ अलग उस समय देखने को था, जब घोर अंधेरे से लिपटी देर शाम को घरों की छतों पर एक ‘चांद’ को निहारने के इंतजार में चांद के ही समान दिखती अनेकों-अनेक सुहागिने आसमान की ओर अपनी नजरें टिकटकाए हुए थी। इंतजार के साथ गुजर रही घोर अंधेरे वाली इस रात के समय में आखिर वह लम्हा भी आ गया जब चंद्रदेव आसमान में थे।