आर.पी.डब्लयू.डी एक्ट में तबदीली करना करीब 12 करोड़ विकलांगों को कमज़ोर करने के बराबर: लक्की

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हर वर्ष 3 दिसम्बर को पूरे विश्व में ’विश्व विकलांग दिवस’ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य विकलांगों की समस्याओं को कम करना तथा उनके जीवन स्तर को उंचा उठाने के लिए प्रयास करना होता है। मनजीत सिंह लक्की आंशिक नेत्रहीन हैं तथा उनकी विकलांगता 40 प्रतिशत है। उन्होंने बातचीत करते हुए बताया कि आर.पी.डब्लयू. डी. एक्ट-2016 अनुसार 40 प्रतिशत विकलांग व्यक्ति सभी प्रकार की सुविधायें प्राप्त करने के हकदार है। जैसे की पैंशन, रेलवे पास, बस पास, नौकरी, पढ़ाई के लिए सरकारी तथा निजी संस्थाओं में दाखिला, आयकर में छूट, संपत्ति कर में छूट, विकलांग सवारी भत्ता, अंगहीत छात्रवृत्ति, विकलांग बेरोजग़ारी भत्ता तथा अन्य बहुत सारी सुविधायें प्राप्त कर सकता है।

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उन्होंने बताया कि यह सब केवल कहने के लिए ही है, सही मायने में ऐसा कुछ भी नहीं है। कहने को तो कहा जाता है कि विकलांग व्यक्ति की पत्नी तथा उसके बच्चे भी सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उनका बस पास भी बड़ी मुश्किल से बना था वो भी जब मैंने कहा था की मैं अदालत में जाऊंगा। स्पष्ट सरकारी निर्देशों के बावजूद भी सरकारी कर्मचारी विकलांग व्यक्तिओं को सुविधायें देने को को तैयार नहीं हैं। मुझे आज तक सिर्फ बस पास की सुविधा ही मिली है। इससे अन्य विकलांग व्यक्तिओं को मिलने वाली सुविधाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि केन्द्र सरकार की तरफ से विकलांग व्यक्तियों की भलाई के लिए बनाया गया आर.पी.डब्लयू. डी. एक्ट-2016 को बने लगभग 4 साल का समय हो चुका है पर अभी तक विकलांगों के कल्याण के लिए इस की एक भी धारा को किसी भी राज्य सरकार यां केन्द्र सरकार ने लागु नहीं किया है।

केन्द्र सरकार आर.पी.डब्लयू. डी. एक्ट-2016 में पूंजीपतियों के दबाव में आकर तबदीली करने जा रही है। उन्होंने बताया कि एक्ट में जुर्माने तथा सज़ा देने वाली धाराओं को खत्म किया जा रहा है तथा इस एक्ट को कमज़ोर करना भारत के 12 करोड़ विकलांगों को कमज़ोर करने के बराबर है। उन्होंने आगे कहा कि अगर इस एक्ट में कोई भी तबदीली हुई तो हम इसका सख्त विरोध करेंगे। 4 साल के समय में विकलांग व्यक्तिओं के लिए कोई भी रचनात्मक कार्य नहीं हुआ तथा न ही विकलांगों को मिलने वाली आर्थिक सुविधाओं में कोई इज़ाफा किया गया है।

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