होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। प्रत्येक मास की अपनी एक मुख्य विशिष्टता होती है, इसी तरह कार्तिक माह में तुलसी पूजा का महात्म्य पुराणों में वर्णित किया गया है। इसी के द्वारा इस बात को समझा जा सकता है कि इस माह में तुलसी पूजन पवित्रता व शुद्धता का प्रमाण बनता है। यह बात पण्डित श्याम ज्योतिष ऊना रोड भूतगिरी मन्दिर के पुजारी ने कही।
30 नवंबर दिन सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा मौके महिला मंडल द्वारा तुलसी सम्मुख 365 जोत जला कर कार्तिक मास की कथा का समापन हुआ। उपरांत आई हुई संगत को लंगर रूपी प्रसाद भी वितरित किया गया। शास्त्रों में कार्तिक मास को श्रेष्ठ मास माना गया है। स्कंद पुराण में इसकी महिमा का गायन करते हुए कहा गया है मासानांकार्तिक: श्रेष्ठोदेवानांमधुसूदन:। तीर्थ नारायणाख्यंहि त्रितयंदुर्लभंकलौ।
अर्थात मासों में कार्तिक, देवों में भगवान विष्णु और तीर्थो में बदरिकाश्रम श्रेष्ठ स्थान पाता है। तुलसी आस्था एवं श्रद्धा की प्रतीक है। यह औषधीय गुणों से युक्त है। तुलसी में जल अर्पित करना एवं सायंकाल तुलसी के नीचे दीप जलाना अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है। तुलसी में साक्षात लक्ष्मी का निवास माना गया है। अत: कार्तिक मास में तुलसी के समीप दीपक जलाने से व्यक्ति को लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।