रक्तरंजित कश्मीर में एक दिन जरुर लौटेगी शांति: दिलफिरोज़ काज़ी

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-मनुष्य जैसा कर्म करता है उसे वैसा ही फल मिलता है:स्वामी राघवेन्द्रनंदा-प्रिं. ओम प्रकाश बग्गा सदभावना कमेटी ने ‘भाग्य एवं प्रयास’ विषय पर करवाया सैमीनार-
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। प्रिंसिपल ओम प्रकाश बग्गा सदभावना कमेटी की तरफ से प्रिं. ओम प्रकाश बग्गा की 33वीं पुण्यतिथि के अवसर पर डी.ए.वी. कालेज ऑफ एजुकेशन में ‘भाग्य एवं प्रयास’ विषय पर सैमीनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर शिक्षाविद् एवं समाज सेविका दिलफिरोज़ काज़ी समारोह की अध्यक्षा के तौर पर एवं स्वामी राघवेन्द्रनंदा, सचिव श्री रामाकृष्णा मिशन आश्रम, ग्वालियर मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित हुए। इस मौके पर अतिथियों ने ज्योति प्रज्ज्वलित की तथा प्रो. बलराज ने ‘चि_ी न कोई संदेश’ गज़़ल सुनाकर कार्यक्रम का आगाज किया। इस मौके पर मेहमानों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की

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रुप रेखा और इसे आयोजन के मनोरथ संबंधी जानकारी दी और प्रिं. ओम प्रकाश बग्गा जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिलफिरोज़ काज़ी ने कहा कि जिस प्रकार एक अंधेरी रात के बाद उजाला भरा दिन आता है उसी प्रकार उपद्रव त्रस्त कश्मीर में एक दिन शांति जरुर होगी। आतंकवाद का मुख्य कारण अज्ञानता है और आतंकवाद को कई धर्म, जाति या देश नहीं होता। निर्दोश लोगों को मारने की इजाजत इस्लाम क्या कोई भी धर्म नहीं देता। उन्होंने बताया कि वे अज्ञानता को दूर करने के लिए पिछले 2 दशकों से कश्मीर में शिक्षा का दीपक जलाए हुए हैं। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और दुख इस बात का है कि कश्मीर को कश्मीरी मुस्लमान और कश्मीरी पंडितों के रुप में देखा जाता है। कुछ बाहरी ताकतें यहां की अलगाववादी ताकतों से मिलकर पत्थरबाजों को बरगलाकर उनसे मानवता विरोधी काम करवा रही हैं। कश्मीर की धरती जहां, पीरों-पैगम्बरों, ऋषि-मुनियों ने तपस्या की, उस

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स्वर्ग को आज आग का गोला बना दिया गया है। 1947 में जब भारत विभाजित हुआ तो जहां कई इलाके नफ्तर और बंटवारे की आग में जल रहे थे तो उस समय कश्मीर में पूर्ण शांति थी। परन्तु आज कश्मीर के जो हालात हैं उससे यह शांति का स्वर्ग निर्दोश लोगों के रक्त से पूरी तरह से रंजित हो रहा है। जिसे मात्र ज्ञान के चक्षों के माध्यम से ही रोका जा सकता है तथा इसीलिए वे अपने कर्म को मानवता की भलाई में लगाने हेतु इस मानव विरोधी तेज आंधी में शिक्षा का दीपक लेकर चल रही हैं और उन्हें पूरी आशा है कि एक दिन कश्मीर फिर से अपने पहले स्वरुप में लौट आएगा, जहां लोग एक दूसरे के साथ मिलजुल रहेंगे।
इस मौके पर स्वामी राघवेन्द्रनंदा जी ने कर्म व उसका फल और भूतकाल और भविष्य से इनका क्या संबंध है की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने सैमीनार के विषय पर बोलते हुए कहा कि हमारा जीवन कार्मिक अकाउंट है, जो जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही फल मिलेगा। अगर कर्म अच्छा है तो फल भी अच्छा ही मिलेगा और अगर कर्म बुरा है तो फल भी वैसा ही मिलेगा। हमारे पिछले जन्मों के कर्म हमें यहां भोगने पड़ते हैं तथा जो कर्म हम आज कर रहे हैं उसका फल भी हमें जरुर भोगना पड़ेगा। इसलिए सब कुछ भाग्य पर मत छोड़े अच्छे कर्म करने की कोशिश करते हुए मानवता की सेवा को जीवन समर्पित करना चाहिए।

कार्यक्रम के समापन पर केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए कमेटी को बधाई दी और आए हुए सभी मेहमानों का धन्यवाद व्यक्त किया।
इस दौरान कमेटी की तरफ से कार्यक्रम अध्यक्षा और मुख्यवक्ता को स्मृति चिंह देकर सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर विधायक सुन्दर शाम अरोड़ा, विधायक पवन आदिया, विधायक डा. राज कुमार, पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद, मेयर शिव सूद,

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डी.ए.वी. कालेज प्रबंधक कमेटी के सचिव पूर्व प्रिं. डी.एल. आनंद, कमल चौधरी, अजय सूद मोगा, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अजय मोहन बब्बी, संजीव तलवाड़, डा. कुलदीप नंदा, कमलजीत सेतिया, परमजीत सिंह सचदेवा, मोहन लाल पहलवान, रमन कपूर, राजीव वशिष्ट, दीपक वशिष्ट, का. दर्शन सिंह मट्टू, गुरमेश सिंह, कुलदीप सिंह, जीत सिंह, नछत्तरपाल सिंह, गंगा प्रसाद, राम बाबू, इंद्रजीत सचदेवा, ब्रह्मकुमारी

ईश्वरीय विश्वविद्यालय की संचालिका व डा. मनोरमा कालिया, कृष्ण कुमार शर्मा, महंत मोहन दास जी, शरणजीत सैनी, प्रो. जसवीरा मिन्हास, ठेकेदार विश्वामित्र, चौधरी प्रदीप कुमार, शाम सुन्दर मोदगिल, कर्मवीर बाली, जिला कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्षा तरनजीत कौर सेठी, खरैती लाल कतना, रजनीश टंडन, श्री राम चरित मानस प्रचार मंडल के अध्यक्ष हरीश सैनी सहित बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी वर्ग से जुड़े लोग एवं अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

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