किसानों को हद कर्ज लेने के लिए जमाबंदियां हासिल करने के लिए नहीं होने दिया जाएगा परेशान : सुखजिंदर रंधावा

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि राज्य की कृषि को पैरों पर खड़ा करने, किसानों को सहायक धंधों से जोडऩे और फ़सलीय विभिन्नता को प्रौत्साहन देने के लिए सहकारिता लहर चलाई जायेगी और सहकारी अदारों में पेशेवर रवैया अपनाते हुए तेज़ तर्रार मार्केटिंग रणनीति अपनाई जायेगी। उन्होंने यह बात आज सहकारिता विभाग के सीनियर अधिकारियों और सहकारी अदारों के मुखियों के साथ सैक्टर -34 स्थित मिल्कफैड के दफ़्तर में मीटिंग करने के उपरांत जारी प्रैस बयान में कही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी किसान को हद कजऱ् लेने के लिए जमाबन्दियां हासिल करने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

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-जन किसानों का रिकार्ड पोर्टल पर चढ़ा है, उनको जमाबन्दियों की ज़रूरत नहीं

हद्द कजऱ् लेने के लिए जमाबंदियां हासिल करने के लिए फ़र्द केन्द्रों में जाने वाले किसानों को बड़ी राहत देते हुए सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने ऐलान किया कि नई जमाबंदियों की उन किसानों को ज़रूरत नहीं है जिनकी पड़ताल पहले ही पटवारियों द्वारा की जा चुकी है या उनकी ज़मीन का रिकार्ड पोर्टल पर चढ़ चुका है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस संबंधी उन्होंने मुख्य सचिव को डिप्टी कमीश्नरों को हिदायतें जारी करने के लिए कहा है कि यदि किसी भी किसान को जमाबंदी की ज़रूरत पड़ती है तो उसे तुरंत मुहैया करवाई जाये और किसी भी किसान को परेशान न होना पड़े। उन्होंने कहा कि जिले के सहकारी बैंकों के पास पहले से ही इन किसानों की ज़मीन मालकी वाली रिपोर्ट है जिसको कि आधार माना जा सकता है। उन्होंने बताया कि सिफऱ् वहां जहाँ किसान राजस्व विभाग की मौजूदा रिपोर्ट के प्रति सहमत न हों, नई जमाबन्दी की ज़रूरत होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी किसान की प्रशासकीय सुधार के पोर्टल से डाउनलोड सूची में उसकी मालकी के क्षेत्रफल संबंधी फर्क है तो केवल उस किसान को ही नई जमाबन्दी लेने की ज़रूरत है।

-सहकारिता मंत्री ने मुख्य सचिव को सभी डिप्टी कमीश्नरों को हिदायतें जारी करने के लिए कहा

स. रंधावा ने कहा कि सहकारी बैंकों को मज़बूत करने के लिए रिकवरी बढ़ाई जायेगी और निजी बैंकों की तरह पेशेवर रवैया अपनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले चरण में उन बड़े डिफाल्टरों की सूची तैयार की है जो बड़े किसान हैं और कजऱ्े की कोई भी किश्त नहीं लौटायी। इन बड़े किसानों की तरफ 276 करोड़ रुपए का कजऱ् बकाया है। उन्होंने कहा कि हर महीने 20 बड़े किसानों के खि़लाफ़ कार्यवाही आरंभ की जायेगी और इस बार जो 20 किसान लिए हैं उनकी तरफ 10 से 12 करोड़ रुपए तक का कजऱ् बकाया है। उन्होंने कहा कि यह किसान कजऱ् लौटाने के काबिल हैं परंतु इनकी तरफ से लौटाया नहीं गया और इन्होंने अपने विभिन्न पारिवारिक सदस्यों के नाम पर कजऱ् लिया है। इस सूची में पहला नंबर मुक्तसर जिले के दयाल सिंह कोलिआवाली का आता है जिसकी तरफ एक करोड़ रुपए का कजऱ् बकाया है।
स. रंधावा ने बताया कि राज्य में 3543 सहकारी सोसाईटियां हैं जिनमें से 1993 मुनाफे में हैं और 1550 घाटे में चल रही हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा घाटे में चल रही सोसाईटियों को पैरों पर खड़ा करने के लिए कोशिशें की जाएंगी जबकि मुनाफे वाली सोसाईटियों को और मज़बूत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 1450 सोसाईटियां ऐसीं हैं जहाँ एग्रो सर्विस सैंटर हैं। सहकारी बैंकों को मज़बूत करने के लिए सहकारिता मंत्री ने फ़ैसला किया कि सरकारी विभागों की रकम इन बैंकों में जमा करवाने और कर्मचारियों के वेतन वाले खाते इन बैंकों में खोलने की मुहिम शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस संबंधी ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री स. तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने अपने विभाग की रकम सहकारी बैंकों में जमा करवाने की सहमति दी है। स. रंधावा जिनके पास जेल विभाग भी है, ने कहा कि जेल विभाग के कर्मचारियों के वेतन वाले खाते सहकारी बैंकों में खुलवाए जाएंगे और हर जेल में सहकारी बैंक का ए.टी.एम. स्थापित किया जायेगा।

शूगरफैड संबंधी जानकारी देते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि पंजाब में कुछ चीनी मिलें बंद पड़ीं हैं जहाँ चलने की संभावना है, उस संबंधी माहिरों की राय लेने के उपरांत सकरात्मक फ़ैसला लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बटाला में नई चीनी मिल स्थापित की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि गेहूँ और धान की तरह गन्ने का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को फ़सल बेचने के तुरंत बाद ही मिल जाये तो चीनी मिलें फिर अपने पैरों पर खड़े हो सकतीं हैं। उन्होंने कहा कि वेरका दूध को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली की मार्केट में भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में वेरका पहले से ही सर्वोत्कृष्ट ब्रांड है और वेरका अब अपना दायरा और बढ़ाएगा।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव -वित्त कमिश्नर सहकारिता डी.पी.रैड्ी, रजिस्ट्रार सहकारी सोसाईटी अरविन्दर सिंह बैंस, मार्कफैड के प्रशासनिक निदेशक राहुल तिवाड़ी, विशेष सचिव सहकारिता गगनदीप सिंह बराड़, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रशासकीय) विमल सेतिया, पंजाब राज्य सहकारी बैंक के प्रशासनिक निदेशक एस.के.बातिश, पंजाब राज्य कृषि विकास बैंक के प्रशासनिक निदेशक हरिन्दर सिंह सिद्धू, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (सहकारी सोसाईटी) निशा रानी, पनकोफैड के प्रशासनिक निदेशक मुनेश्वर चंद्र, पंजाब राज्य सहकारी प्रशिक्षण संस्था के प्रशासनिक निदेशक मनजीत सिंह और अतिरिक्त मुख्य ऑडिटर सरबजीत सिंह भी उपस्थित थे। इस मौके पर सहकारिता मंत्री और समूचे अधिकारियों ने विभाग का पखवाड़ा पत्रिका ‘पंजाब कोआप्रेशन’ का मई महीनो के पूर्वाध का अंक भी जारी किया।

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