इंदौरा (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: अजय शर्मा। इन्दौरा का प्रसिद्ध गांव जो कि क्षेत्र को तीन-तीन विधायक दे चुका है तथा क्षेत्र की सबसे बड़े उद्योग इस गांव के अन्तर्गत आती हैं। इन उद्योगों के ऊपर सरकार के ढीले रवैया के कारण आज इन उद्योगों से निकलने वाले हानिकारक रासायन से क्षेत्र का पानी खारा हो रहा है। क्योंकि, प्रदूषण नियंत्रण विभाग और इंडस्ट्री विभाग इस समस्या संबंधी कोई उचित कर्रवाई नहीं कर रहे। यह भी कहा जा सकता है कि अधिकारी की जेब गर्म तो सब कुछ ठीक है।
स्थानीय लोगों ने कहा कि किसी भी उद्योग के लिए वाटर ट्रीटमेन्ट प्लांट लगाना बहुत जरूरी है। लेकिन, लगता नहीं कि इन उद्योगों में यह लगा होगा। इसी का नतीजा है कि यह पानी नजदीक पड़ती सूखी खड्डों या नालों में पड़ता है जिसे या तो जानवर पीते हैं या यह धरती में ही सूख जाता है जोकि धरती के नीचले पानी को प्रदूषित करने का कारण बनता है। इस खारे पानी की वजह से फैल सकती हैं घातक बीमारीयां, जिनमें कैंसर, पेट की बीमारीयां, हड्डियों को नुक्सान आदि शामिल हैं। जिनका इलाज लाखों रुपए खर्च करके भी संभव नहीं है। परंतु न तो इस तरफ उद्योगिक इकाइयां ध्यान दे रही हैं और न ही संबंधित विभाग कोई ठोस कदम उठाना जरूरी समझ रहा है। जिसके चलते जहां पर्यावरण को भारी नुक्सान पंहुच रहा है वहीं मानव जीवन के साथ-साथ पशु-पक्षियों के लिए भी खतरा बढ़ता जा रहा है।
इस दौरान रंजीत चौधरी अधिशांसी अभियन्ता जल विभाग ने कहा कि इन्दौरा की विधायक रीता धीमान ने विधानसभा में यह प्रश्न उठाया था और उसके लिए उन्होंने उस इलाके के पानी की जाँच भी करवाई जिसमें सूरजपुर मोहटली क्षेत्र के आसपास के निजी पानी के स्त्रोत में खारा पानी पाया गया। उन्होंने कहा कि सरकारी ट्यूबलों की गहराई ज्यादा होने के कारण उनमें अभी तक खारा पानी नहीं हुआ है। इस दौरान जनरल मैनेजर इंडस्ट्री धर्मशाला राजेश ने कहा कि इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग को चैकिंग के लिए बोला जाएगा और जो सरकार की नीतियां है उसके अनुसार अगर उन उद्योगों में खामियां पाई गई तो उनपर उचित कार्रवाई की जाएगी। विधायक इन्दौरा रीता धीमान ने कहा कि इस विषय में विधानसभा में प्रश्न किया गया था और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आश्वासन दिया था, जिस पर विभागीय जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।