होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। जिला होशियारपुर फ्रीडम फाईटर उत्तराधिकारी एसोसिएसन के प्रधान गुरदेव सिंह ने प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि काफी समय से संघर्ष करती आ रही हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के संगठन आखिरकार कामयाब हो गए। काफी वर्षों से हमारी पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में डाली पटीशन जिसकी तिथि 2 अप्रैल 2019 थी। कोर्ट के आदेश के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। उन्होंने कहा कि एक नोटीफिकेशन में कहा गया है कि फ्रीडम फाईटर की मौत होने के बाद उसकी कुवारी और बेरोजगार बेटी ही पैंशन की हकदार थी।
अगर बेटी पैंशन ले सकती है तो स्वतंत्रता सेनानी का बेटा क्यों नहीं? पहले तो काफी देर तक केंद्र सरकार ने इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इतिहासकार मालविंदर सिंह वचैड़ द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय फ्रीडम फाईटर्स सैल के डायरैक्टर को पार्टी बनाते हुए यह मानहानी पटीशन दायर की थी। सुनवाई दौरान गृह मंत्रालय के जवाब से संतुष्ट न होते हुए हाईकोर्ट ने गृहमंत्रालय को 2012 की एक जनहित पटीशन हाईकोर्ट के निर्देशों तहत अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा था।
जिसमें केद्र के लिए यह लाजमी किया गया था कि कानूनी उत्तराधिकारियों को कानूनी वारिसों के रूप में शामिल करने के लिए पैंशन स्कीम में सोध करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई 2 अप्रैल 2019 की तिथि डाली थी जो अब 2 अप्रैल को जसटिस निर्मलजीत कौर ने अपना सख्त रवैया अपनाया और केंद्र ने जारी नोटीफिकेशन कोर्ट को दिखाते हुए बताया कि विचार के लिए कमेटी बनाई गई है। अगली सुनवाई अब 23 जुलाई 2019 को होगी।