होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़): धान की सीधी बिजाई कर गांव लालेवाल हुसैनपुर का प्रगतिशील किसान बूटा सिंह आज के समय की नई पहचान बना हुआ है। वह पिछले 4 वर्ष से गेहूं के नाड़ व धान के अवशेषों को आग न लगाकर पुराने कृषि तरीकों से अलग करने का प्रयास कर रहा है ताकि आधुनिक तकनीके अपना कर खेती को लाभप्रद धंधा बनाया जा सके। डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस ने फसलों के अवशेषों को आग लगाए बिना खेती करने वाले किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वातावरण की शुद्धता व जमीन की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने के लिए इस किसान की तरह बाकी किसानों को भी आधुनिक खेती का रास्ता अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि धान की सीधी बिजाई से जहां वातावरण दूषित नहीं होता, वहीं खेती खर्चे कम होने के साथ-साथ पानी की बचत भी होती है। उन्होंने किसानों को फसली चक्र से निकलक र वैकल्पिक खेती करने की अपील भी की। उन्होंने बताया कि धान की सीधी बिजाई के लिए डी.एस.आर. ड्रिल(धान की सीधी बिजाई करने वाले मशीन) का प्रयोग किया जा सकता है। यह आधुनिक तकनीक वाली मशीन कृषि विभाग के पास भी उपलब्ध है। इसके अलावा स्वयं सहायता ग्रुप व किसानों से किराए पर प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि डी.एस.आर. ड्रिल किराए पर प्राप्त करने के लिए अपने नजदीकी कृषि कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
प्रगतिशील किसान बूटा सिंह का कहना है कि कृषि विभाग से तालमेल कर उसकी ओर से पिछले 4 वर्ष से धान के अवशेषों को आग न लगाकर खेत में ही प्रबंधन किया जाता है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से भी उसका उत्साह बढ़ाते हुए उसके खेत में प्रदर्शनी प्लांट लगाए जाने लगे हैं। उन्होंने बताया कि वे 2.5 एकड़ धान की सीधी बिजाई कर 24 क्विंटल प्रति एकड़ औसतन झाड़ प्राप्त कर रहा है। उन्होंने बाकी किसानों को भी धान की सीधी बिजाई करने के लिए प्रेरित करते हुए अपील की कि वे जमीन की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने के लिए सबको आगे आने की जरुरत है।