संकट से बड़ा कोई शिक्षक नहीं और चुनौती से बड़ा कोई शुभचिंतक नही: विधायक डोगरा

दसूहा (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: मनु रामपाल। हलका विधायक दसूहा ने 2017 में विधायक पद की शपथ ग्रहण करने उपरांत उनके सामने आने वाली सबसे बड़ी चुनौती का जिक्र किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में अपने प्रचार अभियान के वक्त उनको हर व्यक्ति ने एक ही बात कही थी कि वह अपने मरहूम पिता भूतपूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. रमेश चंद्र डोगरा द्वारा निर्मित सडक़ों की मुरम्मत भी करवा पाए तो समझ लेना कि वह अपने पिता के सही उतराधिकारी हैं।

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उन्होंने कहा कि विधायक पद की शपथ ग्रहण करने के बाद उन्होंने अपना लक्ष्य बनाया कि उन्हें धीरे-धीरे ही सही मगर इस चुनौती का सामना करना है और कहीं भी रुकना नही है। क्योंकि उन्हें जिंदगी का सिखाया एक सबक हमेशा याद रखना था कि एक समय के बाद ठहरा हुआ पानी भी सडऩे लग जाता है।

आखिरकार 2017 से पूर्व अपने निर्वाचन क्षेत्र की पिछले एक दशक से जर्जर एवं दयनीय हालत वाली तकरीबन तमाम लिंक रोड़ का मुरम्मत कार्य करवाने में उन्हें सफलता हासिल हुई और इस काम के लिए औसतन 123 करोड़ की लागत आई। डोगरा ने कहा कि आज जब वह किसी गांव में जाते हैं तो ग्रामीणों द्वारा उनका सडक़ों के मुरम्मत कार्य हेतु जब आभार व्यक्त किया जाता है तो उनके मन को एक सुकून और संतुष्टि मिलती है। उन्होंने कहा कि सच में संकट से बड़ा कोई शिक्षक नहीं होता और चुनौती से बड़ा कोई शुभचिंतक नही।

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