मुख्यमंत्री ने सरकार में दलित नेताओं की नियुक्ति के वादे को बेतुका चुनावी हथकंडा बताया

चंडीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को शिरोमणि अकाली दल और भाजपा द्वारा चुने जाने की सूरत में सरकार में दलित नेताओं को क्रमवार उप मुख्यमंत्री/मुख्यमंत्री बनाए जाने के वादों को बेतुका चुनावी हथकंडा बताया है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों पार्टियाँ, जिन्होंने अपने शासन के दौरान एस.सी. भाईचारे के लिए कुछ भी नहीं किया, के पिछले बुरे रिकॉर्ड को देखते हुए यह साफ़ है कि शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 10 वर्षों के दौरान राज्य में दलितों के कल्याण को यकीनी बनाने में नाकाम रही हैं और अब 2022 की मतदान पर आँख रखते हुए दलित भाईचारे को मोहने के लिए राजनैतिक ड्रामेबाज़ी पर उतर आई हैं। 

Advertisements

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘‘सुखबीर बादल अब उप मुख्यमंत्री का पद देने का वादा कर रहा है परन्तु उसके पास अपनी पार्टी, जिसका भाजपा के साथ गठजोड़ था, द्वारा एस.सी. भाईचारे के लिए किए गए कार्यों को दिखाने के नाम पर कुछ भी नहीं है।’’ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इस वादे को वोट के मद्देनजऱ लोगों को गुमराह करने की एक राजनैतिक चाल बताया। उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत ही बेतुका बरताव है कि अब भाजपा द्वारा भी किसी से पीछे न रहते हुए पंजाब के लोगों द्वारा चुने जाने की सूरत में दलित मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया गया है। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि जिस तरह किसानों के मुद्दे पर राज्य के लोगों में भाजपा के खि़लाफ़ गुस्सा है, उसे देखते हुए पार्टी के लिए एक भी विजेता उम्मीदवार ढूँढना एक चुनौती होगी।  पिछली अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य में दलितों की दयनीय हालत के बारे में बात करते हुए कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि एस.सी. भाईचारा 10 सालों से राज्य में अब तक की सबसे बुरी सरकार के शासनकाल में जीने के लिए संघर्ष कर रहा था। उन्होंने कहा कि अकालियों ने उनके लिए कुछ भी नहीं किया। अम्बेडकर जयंती मनाने के लिए वर्चुअल राज्य स्तरीय समागम के दौरान बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता संभालने के तुरंत बाद एक-एक कर एस.सी. भाईचारे से किए सभी चुनावी वादों को लागू करने का अमल शुरू किया। 

यह याद करते हुए कि उनकी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में शगुन स्कीम की राशि साल 2002 में 5100 रुपए से बढ़ा कर साल 2006 में 15000 रुपए की, मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2007 से 2017 तक अकाली-भाजपा द्वारा इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई। उन्होंने कहा ‘‘मेरी सरकार ने दुबारा यह रकम बढ़ा कर 51,000 रुपए (1 जुलाई, 2021 से लागू) की।’’ उन्होंने बताया कि मार्च 2017 में सत्ता संभालने से लेकर उनकी सरकार ने 1.95 लाख व्यक्तियों को 409 करोड़ रुपए की अदायगी की।  इसी तरह सामाजिक सुरक्षा पैंशन, जो मुख्य तौर पर गरीब एस.सी. व्यक्तियों को लाभ पहुंचाती है, के अंतर्गत कांग्रेस सरकार ने 1992-97 के अरसे के दौरान यह राशि 100 रुपए से बढ़ा कर 200 रुपए की, जबकि अकाली-भाजपा सरकार द्वारा 1997-2002 के दौरान इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई। कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि साल 2006 में उनकी सरकार ने इस रकम को बढ़ा कर 250 रुपए किया, जबकि 2007-12 तक अकाली-भाजपा द्वारा इसमें कोई वृद्धि नहीं हुई, जिन्होंने सिफऱ् मतदान से पहले साल 2016-17 के दौरान इसको बढ़ा कर 500 रुपए किया। साल 2017 में, मौजूदा कांग्रेस सरकार ने यह रकम बढ़ा कर 750 रुपए कर दी और अब फिर इसमें वृद्धि करके यह राशि 1,500 रुपए (1 जुलाई, 2021 से लागू) कर दी गई है, जिसका लाभ 25 लाख व्यक्तियों विशेष तौर पर एस.सी. भाईचारे को मिलेगा। 

प्री-मैट्रिक एस.सी. स्कॉलरशिप के अंतर्गत पिछले साल 2 लाख से अधिक विद्यार्थियों को 52.26 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिपें दी गईं। उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा इस स्कीम को बंद करने के बाद उनकी सरकार ने पिछले साल 100 प्रतिशत राज्य सरकार के ख़र्च पर इस स्कीम को डॉ. बी.आर. अम्बेडकर एस.सी. पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के रूप में बहाल किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से भारत सरकार को यह योजना फिर शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा। अपनी सरकार की अन्य कल्याण पहलकदमियां गिनाते हुए कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि कजऱ् राहत स्कीम के अंतर्गत पंजाब एस.सी. कोर्पोरेशन द्वारा 50,000 रुपए तक के सभी कजऱ्े माफ किए गए, जबकि एस.सी. परिवारों को 200 यूनिट बिजली मुफ़्त दी जा रही है। उन्होंने बताया कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मैडीकल साइंसिज़, जोकि मोहाली में 320 करोड़ रुपए के निवेश से स्थापित किया जा रहा है, इस साल शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार द्वारा गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर में डॉ. बी.आर. अम्बेडकर चेयर भी स्थापित की गई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here