दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के पीटर हाफ होटल में हिमाचल भाजपा की बैठक हुई। जिसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की उपस्थिति में हिमाचल भाजपा प्रभारी पूर्व सांसद पूर्व मुख्य सचेतक राज्य सभा, तथा अखिल भारतीय रेडक्रास के उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना विशेष रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर अविनाश राय खन्ना ने कहा केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों के बल पर आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा फिर से हिमाचल में रिपीट करेंगी। उन्होंनेे कहा इस के लिए बूथ स्तर तक मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान करना होगा। अविनाश राय खन्ना ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि क़रीब सात महीने बाद ही कोविड-19 ने पूरी दुनिया को अपनी जानलेवा चपेट में ले लिया। साफ़ है कि दिसंबर, 2019 के बाद से तो दुनिया की सारी सरकारें कोरोना से निपटने के प्रयासों में लगी दिखाई दे रही हैं। इस दौरान तो सभी देशों की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि कैसे मरने वालों के आंकड़े पर काबू पाया जा सके। इंसानियत के वजूद की हिफ़ाज़त की जा सके इस भयावह दौर में कोरोनारोधी स्वदेशी टीका शेष विश्व के क़रीब-क़रीब साथ ही विकसित होना भारत की बड़ी उपलब्धि कही जाएगी। इसका श्रेय मोदी सरकार को देना ही पड़ेगा।
खन्ना ने कहा उरी अटैक और पुलवामा हमले के बाद पीओके में आतंकी लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक और पाकिस्तान में घुस कर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर भारत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि अब आतंक के ख़िलाफ़ उसने नीति बदल ली है। आतंकी हिमाक़त करेंगे, तो उन्हें पाकिस्तान में घुस कर सबक़ सिखाया जाएगा. यह पहले नहीं हुआ था। खन्ना ने कहा एक बार में तीन तलाक़ बोलकर मुस्लिम महिलाओं को प्रताड़ित करने के ख़िलाफ़ क़ानून बनाने की हिम्मत मोदी सरकार ने ही की है। हालांकि इसके लिए सरकार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से समर्थन मिला था। फिर भी सरकार की इच्छाशक्ति थी, इसलिए ही क़ानून बना और मुस्लिम महिलाओं ने इसके लिए बहुत से अवसरों पर मोदी सरकार को धन्यवाद भी दिया। खन्ना ने कहा जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार ने साहसिक क़दम उठाया। जिस तरह राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश से संविधान में अनुच्छेद 35-ए जोड़ा गया था, उसे ठीक उसी प्रक्रिया से रद्द कर दिया गया. संवैधानिक प्रक्रिया से अनुच्छेद 370 के दांत भी तोड़ दिए गए। सरकार ने कश्मीर, जम्मू और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया। अब वहां आतंक के सियार मनमाफ़िक हू-हू नहीं कर पा रहे हैं, तो इसके लिए मोदी सरकार की पीठ थपथपाई जानी चाहिए। यह बहुत दुरूह काम पहले की सरकारों के दौरान सोचा भी नहीं जा सकता था। बहुत समय से 370 और 35-ए का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था, जिसे जड़ से ही ख़त्म कर दिया गया।
खन्ना ने आगे कहा देश की तीनों सेनाओं को शक्तिशाली बनाने के लिए भी मोदी सरकार को लंबे समय तक याद किया जाएगा। तीनों सेनाओं में तालमेल के लिए मोदी सरकार ने चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जैसे पद का सृजन किया। सेनाओं के आयुध और दूसरी सामरिक आवश्यकताओं के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस क़दम उठाने का निर्णय भी मोदी सरकार ने किया। जिसके दूरगामी परिणाम निकलेंगे। कई तरह की आयुध सामग्री समेत सेना की आवश्यकता वाली 100 चीजों को आयात लिस्ट से हटाकर उन्हें देश में ही बनाने का निर्णय वास्तव में मील का पत्थर साबित होगा। फ्रांस के साथ राफेल युद्धक विमान के सौदे को अंजाम दिया। इसी तरह संचार क्रांति को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार का उल्लेख भविष्य में भी होता रहेगा। इसरो ने एक साथ 100 से ज़्यादा उपग्रह प्रक्षेपित करने का रिकॉर्ड मोदी सरकार के कार्यकाल में ही बनाया। उन्होंने कहा भारत में आरक्षण का मुद्दा सबसे ज़्यादा चर्चित और विवादित मसला रहा है। मोदी सरकार ने बाक़ायदा क़ानून बनाकर सरकारी नौकरियों में विपन्न सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया तो यह क्रांतिकारी निर्णय ही कहा जाएगा। राजनैतिक बाड़ेबंदी इस तरह हुई कि कोई भी पार्टी मोदी सरकार के इस फ़ैसले की आलोचना नहीं कर पाई। इसी तरह नोटबंदी का ज़िक्र न किया जाए, तो मोदी सरकार की उपलब्धियों का ज़िक्र अधूरा रह जाएगा. इसी तरह एक देश-एक टैक्स की दिशा में जीएसटी क़ानून बनाना मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि है।
जन-कल्याण की बहुत सी योजनाओं पर चर्चा करते हुए खन्ना ने कहा इनका ख़ाका मोदी सरकार ने खींचा और उन पर ईमानदारी से अमल के प्रयास भी किए। आज़ादी के सात दशक बाद आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए जनधन खाते बैंकों में पहली बार खोले गए। आयुष्मान योजना से ग़रीबों का पांच लाख रुपये तक मुफ़्त इलाज़ निजी क्षेत्र के अस्पतालों में संभव हुआ। तो उज्ज्वला योजना के तहत मुफ़्त एलपीजी कनेक्शन से करोड़ों विपन्न परिवारों को रसोई में धुएं और घुटन से मुक्ति मिली। सबके घर बिजली की सौभाग्य योजना हो, या सबको पक्के प्रधानमंत्री आवास, आम देश वासी से गौरव और आत्म सम्मान का ध्यान मोदी सरकार ने रखने की कोशिश की। अटल पैंशन योजना समेत और भी बहुत सी योजनाओं के नाम गिनाए जा सकते हैं। जिनके ज़रिए मोदी सरकार ने कमज़ोर तबक़े को शक्तिशाली बनाने का काम किया है। इन योजनाओं की समीक्षा समय-समय पर किए जाने की ज़रूरत है, ताकि मोदी विरोधियों के सामने वस्तुस्थिति चरणबद्ध रूप से रखी जा सके।
उन्होंने कहा वोकल फ़ॉर लोकल जैसे सूत्रों के साथ मोदी सरकार ने आत्मनिर्भता का मूल मंत्र आम भारतीय की चेतना में फूंका है। तो ऐसा पहली बार ही किया गया है। आज़ादी के समय महात्मा गांधी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने के प्रबल पक्षधर थे। लेकिन किन्हीं कारणों से प्राथमिकताएं बदल गईं और आज़ादी का असल लक्ष्य अभी तक हासिल नहीं हो पाया। किसानों की हालत बद से बदतर होती गई. कर्ज में डूबे लाखों किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब मोदी सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने के इरादे से तीन कृषि विपणन क़ानून बनाए हैं। तो विपक्ष के इशारे पर कुछ कथित किसान संगठन इस पर जमकर राजनीति कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि तीनों क़ानून रद्द किए जाएं। किसान नेता कह रहे हैं कि उनका आंदोलन जून-जुलाई, 2024 तक जारी रहेगा। यानी वे मान चुके हैं कि मोदी सरकार उनकी अलोकतांत्रिक मांगें हरगिज़ पूरी नहीं करेगी। किसानों के इस तरह के बयानों से यह भी साफ़ है कि वे मानते हैं कि वर्ष 2024 में मोदी सरकार बदल जाएगी. देश की राजधीनी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के जमावड़े के प्रति केंद्र की मोदी या उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोई सख़्ती अभी तक नहीं की है। क्योंकि यह कथित आंदोलन अब अपने ही अंतर्विरोधों के कारण खोखला होता जा रहा है, इसमें कोई संदेह नहीं है।
खन्ना ने कहा मोदी सरकार सात साल पूरे कर चुकी है। कोविड-19 से सरकार की जंग जारी है। ऐसे समय में जब देशव्यापी अफ़रा-तफ़री और अनिश्चितता का वातावरण बना हो, तब स्वाभाविक रूप से किसी भी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी होती हैं और कृत्रिम रूप से मुश्किलें खड़ी की भी जाती हैं। देश में अप्रैल के अंतिम और मई के शुरुआती दिनों में बना माहौल क़रीब-क़रीब ख़त्म हो चुका है। सरकार का दावा है कि कोविड-19 को हराने के लिए तमाम ज़रूरी इंतज़ाम नित्य बढ़ाए जा रहे हैं। तीसरी लहर को निष्प्रभावी करने की तैयारियां भी समय रहते की जा रही हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि कोविड-19 की परिस्थितियों के क़ाबू में आने के बाद भारत नई शक्ति, नई ऊर्जा के साथ शेष विश्व के साथ क़दमताल में अग्रणी दिखाई देगा, इसमें अधिसंख्य भारतीयों को कोई संदेह नहीं है।