जम्मू कश्मीर प्रशासन का बड़ा फैसला बकरीद पर गाय, बछड़ा ऊंट की कुर्बानी पर लगाई रोक

जम्मू(द स्टैलर न्यूज़)। अनिल भारद्वाज :जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में आगामी ईद-उल-अजहा के अवसर पर गाय, बछड़ों और ऊंटों की बलि पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना वाले इस आदेश का स्थानीय लोगों ने पहले ही विरोध शुरू कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के इतिहास में यह पहली बार है कि बलि पशु वध पर ऐसा आदेश जारी किया गया है। इस संबंध में निदेशक योजना, जम्मू-कश्मीर पशु और भेड़ पालन और मत्स्य पालन विभाग ने कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों के संभागीय आयुक्तों और आईजीपी को एक पत्र लिखकर इन जानवरों के वध पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। 21-23 जुलाई, 2021 से निर्धारित बकरा ईद त्योहार के दौरान जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश में बड़ी संख्या में बलि देने वाले जानवरों की हत्या की संभावना है और पशु कल्याण बोर्ड ऑफ इंडिया ने पशु कल्याण के मद्देनजर सभी के कार्यान्वयन के लिए अनुरोध किया है।

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पशु कल्याण कानूनों को सख्ती से लागू करने के लिए एहतियाती उपाय पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 पशु कल्याण नियम 1978 का परिवहन पशुओं का परिवहन (संशोधन) नियम, 2001; स्लॉटर हाउस नियम, 2001 म्युनिसिपल लॉ एंड फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने त्योहार के दौरान जानवरों (जिसके तहत ऊंटों का वध नहीं किया जा सकता) के वध के निर्देश दिए हैं। पत्र में आगे कहा गया है, उपरोक्त के मद्देनजर, मुझे पशु कल्याण कानूनों के कार्यान्वयन के लिए उपरोक्त अधिनियमों और नियमों के प्रावधानों के अनुसार सभी निवारक उपाय करने, जानवरों की अवैध हत्या को रोकने और कड़े कदम उठाने का अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है। पशु कल्याण कानूनों का उल्लंघन करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पत्र की प्रति सूचना के लिए अध्यक्ष, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड को भी भेजी गई है।

कश्मीर और जम्मू दोनों में सभी जिलाधिकारियों और नगर आयुक्तों और सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को प्रतिबंध के आदेश के आधार पर कड़ाई से अनुपालन करने के लिए कहा गया है।जम्मू कश्मीर में गोहत्या पर आज़ादी से पहले से प्रतिबंद है और ईद के मौके पर ज़ाय्दातर भेड-बकरी की ही क़ुर्बानी दी जाती रही है, लेकिन इनकी कीमत बहुत जायदा होती है, इसीलिए गांव-देहात में कई लोग मिलकर गौवंश की भी बलि देते हैं। पहली मर्तवा पशुओं की बलि न देने की सूचना मिलने पर स्थानीय लोगों ने अभी से ही विरोध करना शुरू कर दिया है। लोगों ने कहा भारत के बड़े शहरों में कईं सरकारी पंजीकृत स्लाटर हाउस ( बूचड़खाने ) हैं जिनमें हर रोज हर एक जानवर का मास देश विदेश के लिए परोसा जाता है। टेस्ट अपना-अपना हम जो मर्जी खाएं।

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