सरकारी नशामुक्ति केंद्रों, पुनर्वास केंद्रों और ओओएटी क्लीनिक के कर्मचारी 15 अगस्त को गुलामी दिवस के रूप में मनाएंगे: प्रशांत आदियां

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़) । बेशक हम 1947 में ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी से आजाद हुए थे, लेकिन उस समय की सरकारों ने हमें फिर से गुलाम बना लिया है, एक तरफ महंगाई ने पैर पसार लिए हैं, दूसरी तरफ कर्मचारियों को कम वेतन की पीठ पर थप्पड़ मारा जा रहा है। वर्तमान कैप्टन सरकार ने नशा मुक्त पंजाब का सपना देखा था, जिसे सफल बनाने में इन केन्द्रों के कर्मचारियों की अहम भूमिका रही है। विश्व महामारी।  बलवीर सिंह सिद्धू, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पंजाब, निदेशक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पंजाब चंडीगढ़ के साथ बैठकें लेकिन अभी तक हमें निराशा के अलावा कुछ भी नहीं मिला है।

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चुनाव के दौरान उम्मीदवार बहुत सारे वादे करते हैं लेकिन आम जनता और मजदूर वर्ग को भूल जाते हैं, एक पर एक तरफ वे लोगों को 300-400 यूनिट देने का दावा करते हैं, दूसरी ओर आटा और दाल देने का दावा करते हैं लेकिन लोगों को रोजगार देने का भी दावा करते हैं। आज़ादी की वजह से हम आज भी गुलाम हैं और हमारी कोई सुनवाई नहीं होगी, हम 2022 के चुनाव के दौरान समय पर अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करेंगे, हम तभी सोचेंगे जब वर्तमान पंजाब सरकार हमारे बारे में सोचेगी।

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