पुलिस ने मुख्यमंत्री को मारने की धमकी देने के लिये आई.एफ.जे. के पन्नू के खिलाफ एफ.आई.आर. की दर्ज

Chandigarh: Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh addresses a press conference in Chandigarh, on May 23, 2019. (Photo: IANS)

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब पुलिस के द्वारा राज्य में हिंसा का माहौल पैदा करने की लगातार कोशिशों के कारण और हाल ही में पंजाब कें मुख्यमंत्री को मारने की धमकी देने के लिये आई.ऐस.आई. से समर्थन प्राप्त खालिस्तान के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ ऐफ.आई.आर. दर्ज करने के बाद आज कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पन्नू को राज्य की शांति स्थिरता और सांप्रदायिक सदभावना को भंग करने की किसी भी कोशिश के विरूद्ध कड़ी चेतावनी दी है।

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इस बात पर जोर देते हुये कि प्रतिबंधित सिख फार जस्टिस (ऐस.ऐफ.जे.) और इसके कथित बने जनरल कौंसिल के द्वारा पंजाब का माहौल खराब करने की किसी भी कोशिश का उनकी सरकार के द्वासरा करारा जवाब दिया जायेगा, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ किसी को भी पंजाब की शांति को भंग करने और हमारे लोगों को पुनः आतंकवाद के दिनों में धकेलने की अनुमति नही दी जायेगी जिसने हजारों बेगुनाहों की जाने ली।’’ कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि ऐस.ऐफ.जे. की माहौल खराब करने और विघटनकारी कार्यवाहियों का उचित जवाब दिया जायेग। यह जिक्र करने हुये कि गुरूओं की धरती जिन्होंने हमेशा ही मानवता की ऐकता की विचारधारा का प्रचार किया, पंजाब धर्म, जात, नस्ल के भेदभाव के बिना सभी का घर है, मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म के नाम पर और खालिस्तान की प्राप्ति के लिये शांतिपूर्ण अलगाववादी मुहिम की आड़ में पन्नू की नफरत, फूट और हिंसा को भड़काने की निराशाजनक कोशिशों को पहले की पंजाब और भारत के लोगों ने पूरी तरह नकार दिया है जोकि शांति और खुशहाली में रहना चाहते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सारे राजनैतिक नेताओं और पार्टी ने पन्नू की पाकिस्तान आई.एस.आई. से फंड प्राप्त अलग देश की मांग करती मुहिम की निंदा की थी।

मुख्यमंत्री के द्वारा पन्नू को यह सख्त चेतावनी पंजाब पुलिस के द्वारा सोमवार को एस.एफ.जे. के फेसबुक पेज पर पोस्ट किये एक वीडियो के द्वारा मुख्यमंत्री को मारने की धमकी देने के दोष के तहत एफआईआर दर्ज करने के बाद दी गई है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि पन्नू, उसके साथियों और एसएफजे सदस्यों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) एक्ट, 1967 की धारा 10 (ए) और 13 (1) और आईपीसी की धारा 153ए 153ए और 124ए के अधीन स्टेट साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन एसएएस नगर में एफआईआर (नंबर 34 ) दर्ज की गई की गई है। उन्होंने बताया कि पन्नू को हिंसक आंतकवादी कार्यवाहियों को भड़काने और संविधान के अनुसार पंजाब के चुने हुये मुख्यमंत्री को मारने की धमकी देने के दोष में दोषी पाया गया है। 28 अगस्त को पोस्त की गई वीडियो की प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुये डीजीपी ने कहा कि उक्त वीडियो से मुख्यमंत्री के विरूद्ध एक अपराधिक साजिश का स्पष्ट तौर पर पता चलता है जिसमें मुख्यमंत्री को गोलियों का निशाना बनाते हुये दिखाया गया है। उन्होने कहा कि पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिये आगे जांच जारी है।

गौरतलब है कि एसएफजे ने जुलाई में हिमाचल के मुख्यमंत्री जे राम ठाकुर के खिलाफ धमकी दी थी। धमकी में वादा किया गया था कि जत्थेबंदी हिमाचल के मुख्यमंत्री को आजादी दिवस पर राष्ट्रीय झंडा लहराने की इजाजत नहीं देगी। हिमाचल पुलिस ने तब पन्नू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। अमेरिका आधारित खालिस्तान पक्षीय जत्थेबंदी सिख फार जस्टिस (एसएफजे) को भारत सरकार के द्वारा गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) एक्ट, 1967 की धारा 3 की उप-धाराओं(1) और (3) में दिये अधिकारों का प्रयोग करते हुये 10 जुलाई, 2019 को जारी एक नोटीफीकेशन के द्वारा ‘गैर कानूनी ऐसोसिएशन’ घोषित किया गया था। यह कार्रवाई इस संगठन के भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिये नुकसानदेय गतिविधियों में शामिल पाये जाने और इसके देश की शांति, ऐकता और अखंडता को भंग करने की सदभावना होने के मदेनजर की गई थी। इस संगठन को भारतीय संघ के क्षेत्र से बाहर, खालिस्तान नामक देश बनाने के लिये शांतमई मुहिम की आड़ में पंजाब और अन्य स्थानों पर देश विरोधी और विनाशकारी गतिविधियों में शामिल पाया गया था। इस प्रतिबंधित जत्थेबंदी का आतंकवादी संगठनों के सदस्यों और कटड़पंथी संगठनों के सदस्यों/पंजाब में गड़बड़ी पैदा करने की कार्यवाहियों में शामिल तत्वों के साथ नजदीकी संपर्क भी सामने आये हैं।

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