दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा गौतम नगर आश्रम होशियारपुर में अध्यात्मिक वर्चुअल कार्यक्रम का प्रसारण बड़े पर्दे पर किया गया जिसमें श्री गुरु आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री डॉक्टर निधि भारती जी ने बताया कि कोविड वैश्विक महामारी के इस संघर्ष पूर्ण दौर में जहां हर ओर लोग आर्थिक तंगी स्वास्थ्य समस्याओं मानसिक तनाव अथवा पारिवारिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं वहां आध्यतामिकता ही मानवता को संतोष व धीरज प्रदान करने का एक मात्र उपाय है। अध्यात्म के द्वारा ही एक व्यक्ति किसी भी प्रकार की प्रतिकूल परिस्थितियों से सहजता से बाहर निकल सकता है। यह एक ऐसा सार्वभौमिक सत्य है जिसे समय.समय पर हमारे संतों महापुरुषों ने मानव जाति को याद कराया है। आज भी दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक लोगों को न केवल अध्यात्म के महत्व से परिचित करवा रहे हैं अपितु इसके सार को मानव के आंतरिक जगत में ब्रह्मज्ञान आत्म साक्षात्कार का सनातन विज्ञान के द्वारा प्रयोगात्मक ढंग से प्रकट भी कर रहे हैं ।

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विश्व भर के असंख्य लोगों की आध्यात्मिक तृप्ति हेतु डी.जे.जे.एस ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2021 के शुभ अवसर पर संभावमी युगे युगे विषय पर आधारित एक विशेष सामाजिक.सांस्कृतिक.आध्यात्मिक वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया। उक्त विषय श्रीमद् भगवत गीता मे बताए गए भगवान श्री कृष्ण के सार्वभौमिक उद्घोष. पवित्र आत्माओं के कल्याण व अधर्मियों के विनाश हेतु मैं धरती पर अवतार लूँगा, पर आधारित था। इस भव्य ऑनलाइन कार्यक्रम का प्रसारण डी.जे.जे.एस यूट्यूब चैनल के माध्यम से 29 और 30 अगस्त को क्रमश: दो एपिसोडों . भाग 1 और भाग 2 मे किया गया एवं सम्पूर्ण कार्यक्रम का पुन: प्रसारण जन्माष्टमी की रात्री यानि 30 अगस्त 2021 को रात 9 बजे से मध्यरात्रि 12 बजे तक किया गया। करोड़ों लोगों ने यूट्यूब के माध्यम से घर बैठे ही इस दिव्य कार्यक्रम का लाभ उठाया।

इस आयोजन में न केवल श्री कृष्ण को लेकर समाज में फैली मनगढ़ंत धारणाओं और भ्रांतियों को दूर किया गया बल्कि यह भी समझाया गया कि जन्माष्टमी का पर्व केवल दही.हांडी उपवास या सजावटी झांकी तक ही सीमित नहीं है। बल्कि यह भगवान कृष्ण की दिव्य शिक्षाओं को आत्मसात करने और उनके दिखाए आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का संकल्प लेने का पर्व है। क्यों श्री कृष्ण का अवतार लेना एक उत्सव है ? श्री कृष्ण की शाश्वत चेतना आज भी आपके जीवन को किस प्रकार दिव्य बना सकती हैं ? क्या आप केवल श्रीकृष्ण में विश्वास करते हैं या उनकी आज्ञा भी मानते हैं ? जन्माष्टमी के मूल पहलुओं को उजागर करते हुए इन सभी प्रश्नों के उत्तरों को विभिन्न माध्यमों से दिया गया। कार्यक्रम में जगतगुरु भगवान श्री कृष्ण को भक्तिमय वंदन अर्पित किया गया। श्रीमद्भगवत गीता में निहित आध्यात्मिक रत्नों को प्रस्तुत किया गया। श्री कृष्ण की जीवन गाथाओं को ज्ञानवर्धक नृत्य नाटिकाओं के माध्यम से रखा गया एवं विद्वान प्रचारकों के द्वारा श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया गया।

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