मां के दूध की महत्ता संबंधी जागरुकता सैमीनार व स्वास्थ बच्ची मुकाबला करवाया

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होशियारपुर,(द स्टैलर न्यूज)- मां के दूध की महत्ता संबंधी जागरुकता सैमीनार व स्वास्थ बच्ची मुकाबला जिला सिखलाई केंद्र कार्यालय सिविल सर्जन होशियारपुर में करवाया गया। इस मुकाबले में होशियारपुर शहर क्षेत्र से डेढ से 2 वर्ष तक की आयु की बच्चियों को शामिल किया गया। मुकाबले में भाग लेने वाली बच्चियों के माता-पिता व अन्य परिवारिक मैंबर शामिल थे। इस मुकाबले में माताओं से 2 जजों के पैनल ने माताओं से जरुरी सवाल पूछे व मुकाबले का नतीजा तैयार किया। इस मौके संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डा. रेनू सूद ने बताया कि स्वास्थ बच्ची मुकाबले का मुख्य लक्ष्य गर्भवती महिलाओं व दूध पिलाने वाली माताओं को इस संदेश प्रति जागरुक करना है।

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उन्होंने कहा कि 6 महीने तक केवल मां का दूध ही दिया जाए व  6 महीने के बाद ठोस आहार के साथ-साथ बच्चे को मां का दूध दिया जा सकता है। कार्यशाला दौरान सिविल सर्जन डा. रेनू सूद द्वारा मुकाबले में पहला, दूसरा व तीसरा स्थान हासिल करने वाली बच्चियों को ईनाम दिए गए और मुकाबले में भाग लेने वाली समूह बच्चियों को उत्साहवर्धक पुरस्कार भी दिए गए। इस अवसर पर जिला परिवार भलाई अफसर डा. रजिंदर राज ने बताया कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे मां प्रोग्राम ( मदर्ज एबसोलूट एफकेशन) तहत मां के दूध की महत्ता का अधिक से अधिक प्रचार व प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे को दूध पिलाने के साथ जहां मां और बच्चे का आपसी भावनात्मक रिश्ता मजबूत होता है वहीं बच्चों की रोग प्रतिरोधक ताकत में भी बढ़ौतरी होती है।

इस मौके पर सिविल अस्पताल से बाल रोगों के माहिर डा. प्रदीप भाटिया ने बताया कि मां का पहला दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है व इसको बच्चे का पहला टीकाकरण भी कहा जाता है। प्रोग्राम दौरान मंच का संचालन मास मीडिया अधिकारी सुखविंदर कौर ढिल्लों द्वारा किया गया। इस मौके पर स्वास्थ विभाग द्वारा जच्चा बच्चा स्वास्थ संभाल अधीन आती चलाई जा रही प्रमुख स्वास्थ योजनाओं जैसे जननी शिशु सुरक्षा जिसमें गर्भवती माताओं की मुफ्त रजिस्ट्रेशन से लेकर मुफ्त जांच व इलाज और खाना, 1 वर्ष और 5 वर्ष तक की बच्ची के संपूर्ण मुफ्त इलाज व राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ कायाकर्म अधीन 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की 30 बीमारियों के मुफ्त इलाज बारे जानकारी दी। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के जिला प्रोग्राम मैनेजर मुहम्मद आसिफ, रीना संधू, राहुल कुमार, शहरी क्षेत्र से एल.एच.वी. सुरिंदर वालिया,सुखविंदर कौर, ए.एन.एम. और आशा वर्कर भी शामिल थे। वर्कशाप दौरान कन्या भ्रूण हत्या और मां के दूध की महत्ता संबंधी प्रभावशाली प्रदर्शनी भी लगाई गई।

 

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