होशियारपुर/हरियाना (द स्टैलर न्यूज़) रिपोर्ट: प्रीति पराशर: जिस्म के लोभी राम रहीम का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि पंजाब के जिला होशियारपुर के कस्बा हरियाना में सत्तारुढ़ पार्टी से संबंधित एक नेता जी की करतूतें चर्चा का विषय बनने लगी हैं। आलम ये है कि नेता जी की एक करतूत जोकि हाल ही में प्रकाश में आई है उसे लेकर जहां अंदरखाते राजनीतिक माहौल गर्माता जा रहा है वहीं लोगों में नेता जी के चरित्र को लेकर भी अंगुलियां उठनी शुरु हो गई हैं। लोगों का कहना है कि अगर उन्हें पहले पता होता तो शायद नेता जी को मुंह भी न लगाते। मगर अब सांप निकल जाने के बाद लकीर पीटने से क्या फायदा।
-पंजाब के जिला होशियारपुर के कस्बा हरियाना में चर्चा-
पार्टी एवं राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार एक नेता जी ने गत दिवस हरियाना क्षेत्र में एक महिला को फोन किया और कहा कि वो गाड़ी भेज रहे हैं तथा वो गाड़ी में बैठकर उनके पास आ जाए। अब आप खुद ही समझ गए होंगे कि नेता जी किस मिजाज के व्यक्ति हैं और उन्होंने फोन करके महिला को आखिर ऐसा क्यों कहा? मगर नेता जी को क्या पता था कि सभी महिलाएं एक जैसी नहीं होती तथा उनकी सोच से परे भी दुनिया बसती है व आज भी सती सावित्री चरित्रवान महिलाएं में हैं जो ऐसे नेताओं को सबक सिखाने के लिए हथियार उठाने से भी पीछे नहीं हटती। नेता जी द्वारा गंदी नजऱ से देखने व अपनी गंदी इच्छा प्रकट करने की जानकारी महिला ने अपने परिजनों को दी और जब मामले ने तूल पकड़ा व मामला एक बड़े नेता के दरबार में पहुंचने के बाद नेता जी के हाथ-पांव फूल गए और वे जैसे-तैसे करके मामले को रफा-दफा करने में लग गए तथा इलाके के कुछ लोगों ने बीच-बचाव करके नेता जी की इज्जत सरेआम उछलने से बचा ली।
इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो उक्त नेता ने न केवल माफी मांग कर जान छुड़ाई बल्कि ये भी पता चला है कि नेता जी ने अपनी इस गलती को दबाए रखने के लिए मोटी रकम का मुआवजा भी दिया। लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि अब बताओ ऐसे नेता को किसी सार्वजनिक या घरेलू कार्यक्रम में कैसे बुलाया जाए। भले ही ये घटना अब पुरानी होने लगी है, मगर आज भी लोगों में इस बात को लेकर चर्चा व रोष बरकरार है।
द स्टैलर न्यूज़ की टीम इस मामले की गहनता से खोज कर रही है तथा उम्मीद है कि जल्द ही सफलता मिलते ही मामले का खुलासा नेता जी के नाम के साथ किया जाएगा ताकि जनता जान सके कि वे जिस नेता पर भरोसा जताते हैं व उन्हें अपना मददगार और प्रतिनिधि समझते हैं आखिर वे क्या-क्या गुल खिलाते हैं तथा ऐसे नेताओं का समाज से बहिष्कार करना कितान जरुरी हो चुका है।