पेडा द्वारा राज्य में धान की पराली पर आधारित पंजाब बायोगैस प्रोजैक्टों के लिए समझौता सहीबन्द

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डा. राज कुमार वेरका और पेडा के चेयरमैन एच.एस. हंसपाल की मौजुदगी में राज्य के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत विभाग की पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) ने मैसर्ज एवरएनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राईवेट लिमटिड, मुंबई के साथ राज्य में धान की पराली पर आधारित पाँच बायोगैस प्रोजैक्टों के लिए हस्ताक्षर करके समझौता सहीबन्द किया।

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इस मौके पर पेडा के सी.ई.ओ रंधावा ने बताया कि यह प्रोजैक्ट जगराओं, मोगा, धूरी, पातड़ां और फिलौर तहसीलों में स्थापित किये जाएंगे। यह कंपनी राज्य की एन.आर.एस.ई. नीती-2012 के अंतर्गत बनाने, चलाने और मालिकी (बीओओ) के आधार पर लगभग 500 करोड़ रुपए के निजी निवेश से इन प्रोजेक्टों की स्थापना करेगी। इन प्रोजेक्टों का कुल सामर्थ्य 222000 घन मीटर राअ बायो गैस प्रति दिन है जिसको शुद्ध किया जायेगा जिससे प्रति दिन 92 टन बायो सीएनजी /सीबीजी प्राप्त की जा सके। इन प्रोजेक्टों में उप-उत्पाद के तौर पर जैविक खाद भी तैयार की जायेगी जो खेती ज़मीन की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाएगी और रासायनिक खाद के प्रयोग को भी बदलेगी।

यह प्रोजैक्ट दिसंबर, 2023 तक या इससे पहले बायो सीएनजी का व्यापारिक उत्पादन शुरू कर देंगे। यह प्रोजैक्ट लगभग 7000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोज़गार प्रदान करेंगे। इन प्रोजैक्टों के चालू होने पर लगभग 3.5 लाख टन सालाना धान की पराली खपत होगी। इस तरह राज्य के किसानों को अपने खेतों में इन प्रोजैक्टों के लिए खेती के अवशेष की बिक्री से भी लाभ होगा और पराली जलाने की समस्या से भी काफ़ी निजात मिलेगी।


सी.ई.ओ. ने आगे बताया कि पेडा ने राज्य में कुल 263 टन प्रति दिन सामर्थ्य वाले 23 ऐसे बायो सीएनजी प्रोजैक्ट, प्राईवेट डिवैलपरों को बीओओ के आधार पर अलाट किये हैं, जिनमें उपरोक्त 5प्रोजैक्ट भी शामिल हैं। यह प्रोजैक्ट 2022-23 और 2023-24 तक लगभग 1300-1500 करोड़ रुपए के निजी निवेश से पूरे किये जाएंगे। इन प्रोजैक्टों से लगभग 35000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष तौर पर रोज़गार मिलेगा। यह प्रोजैक्ट चालू होने पर लगभग 9लाख टन सालाना धान की पराली का उपभोग करेंगे। मैसर्ज वर्बियो इंडिया प्राईवेट लिमटिड द्वारा गाँव भुटाल कलाँ, ज़िला संगरूर में प्रति दिन 33.23 टन बायो-सीऐनजी सामर्थ्य का स्थापित किया जा रहा सबसे बड़ा प्रोजैक्ट है, दिसंबर 2021 तक व्यापारिक उत्पादन शुरू कर देगा। इस प्रोजैक्ट में लगभग 1.25 लाख टन धान की पराली की खपत की जायेगी।


मैसर्ज एवरएनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राईवेट लिमटिड ने राज्य में 05 और बायो सीएनजी प्रोजेक्टों की अलाटमैंट के लिए भी पेडा को विनती की है। पेडा द्वारा कंपनी को अगली अपेक्षित कार्यवाही के लिए इन प्रोजेक्टों की पूर्व संभावनाओं की रिपोर्टें पेश करने के लिए कहा गया है। मैसर्ज एवरएनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राईवेट लिमटिड ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी है, जिसका समर्थन राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा और निवेश फंड, भारत सरकार और विदेशी, राष्ट्रमंडल और विकास दफ़्तर (एफ.सी.डी.ओ.), यू. के. सरकार द्वारा किया जाता है।


इस मौके पर एन.आर.ई.एस के प्रमुख सचिव के.ए.पी. सिन्हा, पेडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन.पी.एस. रंधावा और ऐग्जैक्टिव डायरैक्टर (पूर्व संयुक्त सचिव, भारत सरकार) दीपक अग्रवाल भी उपस्थित थे।

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