लखीमपुर (द स्टैलर न्यूज़)। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई हिंसा के मामले में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, लखीमपुर हिंसा सुनियोजित साजिश के तहत की गई थी, ये कोई दुर्घटना नहीं थी। ये हत्या की सोची-समझी साजिश से जुड़ा मामला है।
लखीमपुर के तिकुनिया कांड में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्र समेत सभी 13 आरोपियों पर एसआईटी की तरफ से जानलेवा हमला और हत्या की साजिश की धाराएं बढ़ाई गई हैं। धाराएं बढ़ाने के बाद मंगलवार को सभी 13 आरोपियों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। सीजेएम कोर्ट में 13 आरोपियों की रिमांड पर सुनवाई हुई, जिस पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। उधर आशीष मिश्र के वकील अवधेश सिंह का कहना है कि जबरन धाराएं बढ़ाई गई हैं। सेक्शन-34 और 149 एक साथ नहीं हो सकते। धारा 149 पहले से लगा हुआ है। उन्होंने कोर्ट से अपील की कि कोर्ट अपने विवेक पर काम करें। अब तक एसआईटी एक्सीडेंटल केस के साथ ही विकल्प के रूप में हत्या की धाराओं के साथ मैदान में थी, जबकि सोमवार को एसआईटी से जुड़े मुख्य विवेचक विद्याराम दिवाकर ने साफ कर दिया कि बारीकी से जांच करने पर यह स्पष्ट हुआ है कि लापरवाही और उपेक्षापूर्वक गाड़ी चलाते हुए मृत्यु कारित करने का दुघर्टना मामला नहीं है, बल्कि सोची समझी साजिश के चलते भीड़ को कुचलने हत्या करने और हत्या के प्रयत्न के साथ ही अंग-भंग करने की साजिश का साफ-साफ मामला है। इसलिए केस को परिवर्तन करते हुए हत्या और हत्या के प्रयास के साथ ही अंग भंग करने की धाराएं लगाई जानी चाहिए।