होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। किसी भी प्रदेश का अगर निरंतर विकास जारी रखना हो तो वहां के लोगों को शिक्षित किया जाना सबसे जरूरी होता है क्योंकि शिक्षा प्राप्त विद्यार्थी अपने लिए रोजगार के साधन ढूंढने के साथ-साथ दूसरों के लिए रोजगार के मौके प्रदान करने में भी सक्षम होता है।और इसी दिशा में पंजाब के कांग्रेस सरकार ने पिछले 5 साल जमकर काम किया। उक्त बात श्याम चौरासी क्षेत्र के कांग्रेस विधायक पवन कुमार आदिया ने ग्राम पंचायत मिर्जापुर द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते कहीं। उन्होंने कहा कि पंजाब के 7842 सरकारी स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थी स्मार्ट एजुकेशन से रूबरू हो रहे हैं। यही कारण है कि बीते वर्षो के दौरान वि अभिभावकों ने निजी स्कूलों को छोडक़र सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला करवाया है।निजी स्कूलों को छोडक़र अभिभावक बच्चों को पंजाब के स्मार्ट बने सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलवा रहे हैं। इस साल कोरोना काल में रिकॉर्ड विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया।
हर साल की अपेक्षा इस साल 14 प्रतिशत अधिक दाखिले हुए हैं। इस मौके पर विधायक श्याम चौरासी पवन कुमार आदिया ने सरकारी मिडिल स्कूल मिर्जापुर के लिए 3 लाख का चैक भी ग्राम पंचायत को सौंपा। उन्होंने कहा कि स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदलने के लिए साल 2019 में स्मार्ट स्कूल नीति तैयार की थी। ये स्मार्ट स्कूल किसी भी आम स्कूल की अपेक्षा पूरी तरह अलग हैं। इन स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने के लिए स्मार्ट क्लास रूम, डिजिटल सामग्री, खेल सहूलतें, स्मार्ट वर्दी, अच्छा वातावरण सहित शैक्षिक पार्क, कलर कोडिंग, लैंडस्केपिंग मुहैया करवाई गई है। सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूल में बदलने के लिए अध्यापकों और अभिभावकों सहित सभी हिस्सेदारों की भागीदारी सुनिश्चित की गई। स्मार्ट स्कूल नीति के तहत स्मार्ट क्लास रूम स्थापित करने के साथ-साथ स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे, ग्रीन बोर्ड, सफेद बोर्ड, सभी विद्यार्थियों के लिए फर्नीचर मुहैया करवाया गया है। इसके साथ ही विद्यार्थियों को विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी की अच्छी शिक्षा के लिए प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं। खेल सहूलतें (हर स्कूल में कम से कम 2 खेल) की व्यवस्था, अच्छे खेल मैदान बनाने, प्री-प्राइमरी और प्राइमरी विंग में झूले, खिलौने, एजुकेशनल पार्क, आकर्षित फर्नीचर, साउंड सिस्टम, स्कूल बैंड, मिड-डे-मील के लिए डाइनिंग हॉल, लर्निंग एड, लैंड स्केपिंग आदि का प्रबंध करना भी इस स्मार्ट स्कूल नीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में स्मार्ट स्कूल नीति लाई गई थी।
इस नीति के तहत स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया गया है। आज के समय में शिक्षा के बदले स्वरूप को देखते हुए स्कूलों में बदलाव किए गए हैं। यही कारण है कि विद्यार्थी निजी स्कूलों को छोडक़र सरकारी स्कूलों में प्रवेश ले रहे हैं इस अवसर पर कुसुम आदिया, ब्लॉक प्रधान गुरमिंदर सिंह, पूर्व ब्लाक समिति सदस्य अमोलक सैनी, सरपंच हरमिंदर कौर, सुरेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह, ध्यान सिंह, मुख्य अध्यापिका परमजीत कौर, रजनीश कुमार गुलियानी, गुरमेल सिंह, दलबीर सिंह और गणमान्य मौजूद थे ।